नाहन (हिमाचलवार्ता)। जिला सिरमौर की सब से ऊंची चूंड़धार की चोटी पर कोरोना संकट के इस दौर में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने लग गई है। बाहरी राज्यों से भारी संख्या में श्रद्धालु यहां शिरगुल महाराज के दर्शन करने पहुंच रहे हैं। बता दें कि हरे-भरे और दिल छू लेने वाले परिदृश्य के बीच, चूड़धार चोटी हिमाचल प्रदेश में स्थित शिवालिक रेंज की सबसे ऊंची चोटियों में से एक है। प्रकृति प्रेमी के लिए यह स्थान प्रकृति के करीब अपना समय बिताने के लिए अभूतपूर्व टूरिस्ट स्पॉट है।
समुद्र तल से लगभग 11965 फीट की ऊंचाई पर बसा यह स्थान ट्रेकिंग के लिए प्रसिद्ध है। चूड़धार में हिमाचल सहित बाहरी राज्यों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं। परन्तु कोरोना महामारी के चलते यहां श्रदालुओं के रात्रि ठहराव की व्यवस्था नहीं की गई है तथा यात्री व ट्रेकर खुले आसमान तले टेंटों में रातें गुजार रहे है। मन्दिर खुलने व बंद होने का समय निर्धारित किया गया है।
चुडधार में रात को अक्सर तापमान माइनस में रहता है तथा सर्द हवाएं शरीर पर सुई की तरह चुभती है। इसके बावजूद हजारों श्रद्धालु पूरी रात खुले आसमान के नीचे कडकडाती ठंड में गुजारना मंजूर है। हालांकि, नौहराधार व सराहं के रास्तों में अस्थाई ढाबे खुल चुके है तथा स्थानीय ढाबा संचालक भी यात्रियों को अपनी दुकानों में जगह देकर उनकी मुश्किलों को कम करने का प्रयास करते है।
वहीँ, मुख्य रास्ता नौहराधार से होकर जाता है तथा यहां से चूड़धार 14 किलोमीटर है। दूसरा रास्ता सराहन चौपाल से होकर गुजरता है। यहां से चूड़धार 6 किलोमीटर है। बताते चले कि 15 नवंबर के बाद प्रशासन द्वारा यहां मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएगें, क्योंकि यहां मौसम नवम्बर के पहले सप्ताह में ही बर्फबारी तथा कड़ाके की ठंड हो जाती है। इसके बाद परम्परा के अनुसार बैशाखी पर कपाट खोल दिए जाते है।