शिमला (हिमाचल वार्ता)। सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी स्कूलों में तैनात एसएमसी शिक्षकों को बड़ी राहत देते हुए हाईकोर्ट के नियुक्तियों को खारिज करने के आदेश को पलट दिया है। हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली विशेष अनुमति याचिका की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिए गए। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से प्रदेश के दुर्गम और दूरदराज क्षेत्रों में बीते 8 वर्षों से सेवाएं दे रहे 2555 एसएमसी शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है।
अब इन शिक्षकों की सेवाएं स्कूलों में जारी रहेगी। हिमाचल शिक्षक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष पवन कुमार, महामंत्री विनोद सूद, संगठन मंत्री पवन मिश्रा, प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ मामराज पुंडीर व मीडिया प्रभारी दर्शन लाल सहित सभी सदस्यों ने सुप्रीम कोर्ट, सीएम जयराम ठाकुर व शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर का आभार व्यक्त किया है।
बता दे कि हाईकोर्ट ने प्रार्थियों की याचिका को स्वीकारते हुए न केवल इन अध्यापकों की नियुक्तियां रद्द करने के आदेश दिए थे बल्कि यह भी स्पष्ट किया था कि राज्य सरकार 6 महीने के भीतर नियमों के तहत शिक्षक नियुक्त करे। सुप्रीम कोर्ट में एसएमसी अध्यापकों का कहना था कि वे वर्ष 2012 से हिमाचल के अति दुर्गम क्षेत्रों में बिना किसी रुकावट सेवाएं दे रहे हैं और उनका चयन सरकार ने नियमों के तहत किया है।
सरकार ने हाईकोर्ट से फैसले पर अमल करने के लिए अधिकतम एक वर्ष का समय मांगा था। सरकार का कहना है कि एसएमसी अध्यापक दुर्गम क्षेत्रों में कोरोना काल के दौरान भी निर्बाध सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे में मौजूदा कोरोना संकट को देखते हुए इनकी सेवाएं फिलहाल जरूरी हैं।