नाहन (हिमाचलवार्ता)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जिला सिरमौर के जिला संयोजक अंकित शर्मा ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश का 41वाँ अधिवेशन छोटी काशी मंडी के मां भीमा काली मंदिर के परिसर में संपन्न हुआ। इस अधिवेशन में वर्ष 2020-21 की कार्यकारिणी का गठन किया गया। जिसमें डॉक्टर सुनील ठाकुर प्रांत अध्यक्ष तथा विशाल वर्मा प्रांत मंत्री के रूप में निर्वाचित किए गए। इस अधिवेशन के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में रमेश पप्पा, पूर्व में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री तथा वर्तमान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह संपर्क प्रमुख व विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रफुल्ल आकांत राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद रहे।
उद्घाटन समारोह के कार्यक्रम अध्यक्ष सरदार वल्लभभाई पटेल कलस्टर विश्वविद्यालय के कुलपति चमन लाल चंदन रहे। अधिवेशन की जानकारी देते हुए जिला संयोजक अंकित ने बताया कि इस अधिवेशन के अंदर सरकार द्वारा जारी सभी मानकों तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी सभी निर्देशों का ध्यान रखते हुए यह अधिवेशन संपन्न हुआ। इस अधिवेशन में कुल 98 प्रतिनिधि उपस्थित रहे। साथ ही इस अधिवेशन में दो प्रस्ताव भी पारित किए गए। इसमें हिमाचल प्रदेश का वर्तमान परिदृश्य व हिमाचल प्रदेश का वर्तमान शैक्षणिक परिदृश यह दो प्रस्ताव इस अधिवेशन में सर्वसम्मति से पारित किए गए।
जिला संयोजक अंकित शर्मा ने कहा कि वर्तमान शैक्षणिक परिदृश्य की बात करें तो हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय घोषणा के 11 वर्ष बाद भी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है जबकि इसके साथ घोषित आई आईटी मंडी का निर्माण व इसके बाद घोषित IIM व AIIMS का अपने भवन निर्माण का कार्य प्रगति पर है लेकिन हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य अभी तक शुरू नही हो सका। वहीं, बात करें तकनीकी विवि हमीरपुर की तो वहाँ पर चल रहे 8 पाठ्यक्रमों में एक भी स्थाई प्राध्यापक की नियुक्ति नही हुई . साथ कृषि विवि पालमपुर व बागवानी विवि नौंणी की भारी भरकम फीस से शिक्षा आम गरीब छात्र की पहुंच से बाहर हो रही है . जिसे विद्यार्थी परिषद किसी भी सूरत में सहन नही करेगी।
आने वाले समय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय, तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर कृषि व बागवानी विवि सहित छात्र संघ चुनाव की बहाली को लेकर एक निर्णायक लड़ाई लड़ेगी। इन मुद्दों को लेकर विद्यार्थी परिषद पूरे प्रदेश भर के अंदर एक जन आंदोलन खड़ा करेगी। वही कुछ दिन पूर्व प्रदेश सरकार द्वारा निजी स्कूलों की फीस को लेकर एक अधिसूचना जारी की गई। जिसमें यह कहा गया कि स्कूल प्रबंधन अप्रैल माह से अभी तक की ट्यूशन फीस के अलावा सभी प्रकार के शुल्क फिर से ले सकते हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इसका विरोध करती है व प्रदेश सरकार से यह मांग करती है कि जब पिछले 8 महीनों से सभी स्कूल बंद है तो अन्य सभी प्रकार के शुल्क लूना अवैध है और इस प्रकार के आदेश तुरंत वापस लिए जाए।