नाहन (हिमाचलवार्ता)। इस जहाँ में ऐसे विरले ही लोग होते दूसरों की दुनियां रोशन करें और यदि ऐसा संकल्प पूरा परिवार करें तो ये काबिले तारीफ है। कई लोग जन्म से ही अंधे होते है तो कोई हादसों में आंखें खो बैठते हैं। ऐसे ही लोगों के लिए जिला सिरमौर के नाहन का एक परिवार मसीहा बना है। नाहन शहर के एक ही परिवार के सभी दस सदस्यों ने नेत्रदान करने का फैसला लेकर मिसाल पेश की है। इस परिवार की आंखों से दस अंधेपन लोगों का संसार रोशन होगा। जानकारी के अनुसार नाहन के अरविंदर सिंह साहनी ने अपने पूरे परिवार के साथ नेत्रदान के लिए आवेदन किया।
28 नवंबर 2019 को उनकी माता कुलदीप कौर का निधन हुआ था। उनकी प्रथम पुण्यतिथि पर पूरे साहनी परिवार ने नेत्रदान कर अपनी माता को श्रद्धांजलि अर्पित की। साहनी परिवार में कुल 10 सदस्य हैं, जिनमें से 6 सदस्यों ने शनिवार को डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन में नेत्रदान के लिए आवेदन किया जबकि बाकी चार सदस्यों ने मंगलवार को नेत्रदान के लिए आवेदन किया।
अरविंदर ने बताया कि मृत्यु के पश्चात यदि हमारे नेत्र किसी के काम आ सकें , तो इससे बड़ा पुण्य कोई नहीं। कुदरत की बनाई इस रंगीन दुनिया को देखने का हक सबका है। उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि वे नेत्रदान के लिए आगे आएं और किसी के अंधकार भरे जीवन को रोशन करें।
डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन के नेत्र विभाग की प्रभारी डॉ. पुनीता ने बताया कि छह दानियों का पंजीकरण हो गया है, जबकि चार का भी जल्द होगा। उनके अनुसार नेत्रदान महादान है।
यह एक जरूरतमंद की जिंदगी बदल सकता है। हरविंदर सिंह साहनी (41), अमनप्रीत कौर (40), हरमन सिंह (17), जपलीन कौर (14), जसमीत कौर (10), अरविंदर सिंह साहनी (44), कंवलजीत कौर (41), इंद्रप्रीत कौर (21), सर्वजीत कौर (19), हरलीन कौर (18) ने नेत्रदान का फैसला लिया
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