चंडीगढ़ (हिमाचलवार्ता)। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय,हिसार के कुलसचिव डॉ. बी.आर. कंबोज ने कहा कि विश्वविद्यालय में आयोजित किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण हासिल कर महिलाएं स्वरोजगार स्थापित कर सकती हैं। साथ ही अपने परिवार का पालन-पोषण करते हुए आमदनी भी बढ़ा सकती हैं।
वे विश्वविद्यालय में प्रदेश की अनुसूचित जाति व जनजाति की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने व स्वरोजगार स्थापित करने के उद्देश्य से आयोजित पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के समापन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। प्रशिक्षण का आयोजन विश्वविद्यालय के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षण संस्थान में सिरसा रोड़ स्थित केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान के सहयोग से किया गया।
प्रशिक्षणार्थियों को खाद्य एवं पोषण विभाग की प्रोफेसर वर्षा रानी ने सभी तरह के अचार-मुरब्बा, कैंडी, स्कवैश, चटनी,जैम, टमाटर सोस, फल व सब्जियों को सुखाना जैसी हर प्रकार की जानकारी विस्तारपूर्वक दी। केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. एस.एस. दहिया ने अनाज के मूल्य संवंर्धन करने वाली इकाई व सेल्फ हेल्प ग्रुप स्थापित करने की सलाह दी। डॉ. निर्मल सिंह ने आर्थिक पहलुओं की जानकारी दी जबकि डॉ. देवेंद्र सिंह ने हरे पत्ते वाली सब्जियों व सागों द्वारा मूल्य संवंर्धन पर प्रकाश डाला गया । डॉ. पवित्रा कुमारी ने मशरूम उत्पादन व उससे बनने वाले उत्पादों की विस्तृत जानकारी दी।