
उन्होने बताया कि हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड लगातार मारकण्डा नदी के पानी की गुणवता की जांच कर रही है। और हिमाचल के सीमा के अन्दर इस नदी के पानी की गुणवता ठीक है। उन्होने बताया कि मारकण्डा नदी पर सीईटीपी द्वारा लगाई जा रही संयत्र द्वारा औद्योगिक क्षेत्र के गंदे पानी को साफ कर दोबारा से उद्योगो में पानी को दोबारा इस्तेमाल के लिए उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होने बताया कि जाटावाला नाले के दो साईट पर जलशोधक पौधो के माध्यम से नाले के पानी को रोककर पानी शुद्ध करने का कार्य चल रहा है।
उन्होने बताया कि त्रिलोकपुर से खेरी तक बिछाई जा रही सीवरेज पाईप 4.7 किलोमीटर तक बिछाई जा चुकी है और शेष कार्य को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश समबन्धित विभाग को दिये गए है।
उन्होने बताया कि साडा के तहत सुकेती रोड पर ठोस कचरा प्रबन्धन का सयंत्र लगाया गया है। उन्होने बताया कि साडा और सीसीआई के मध्य एमओयू किया गया है जिसके तहत इस संयत्र से बने कचरे के ब्लॉक को सीसीआई अपने कारखाने में इस्तेमाल करेगी। उन्होने बताया कि सीसीआई में उच्च तापमान पर कचरे के ब्लॉक को जलाने पर कम प्रदूषण फैलता है। उन्होने बताया कि साडा द्वारा लगाऐ गए संयत्र ने 16 नवम्बर, 2020 से कार्य करना शुरू कर दिया है। यह संयत्र औद्योगिक क्षेत्र व आसपास के क्षेत्रों में ठोस कचरा प्रबन्धन में कारगर सिद्ध होगा।
बैठक में सदस्य सचिव एवं क्षेत्रीय प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड अधिकारी पवन शर्मा ने क्रमवार मदों को प्रस्तुत करते हुए विभिन्न विभागो द्वारा किये जा रहे प्रगति कार्यो की समीक्षा रिपोर्ट प्रस्तुत की। ब
बैठक में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बसंत वर्मा, अधीक्षण अभियन्ता जल शक्ति विभाग मनदीप गुप्ता, परियोजना अधिकारी जिला ग्रामीण विकास अभिकरण कल्याणी गुप्ता, उप निदेशक कृषि विभाग पवन कुमार, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सोना चौहान सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे।