नाहन (हिमाचलवार्ता)। माना यह जाता है की पंचायत व नगर निकाय के चुनावों में निकलने वाले परिणाम विपक्ष व सत्ता में बैठी सरकार का भाग्य सुनिश्चित करती है। ऐसे में वर्ष 2021 जो वस्तुस्थिति मौजूदा समय सामने ला रहा है उसको देखते हुए लग रहा है कि कांग्रेस, भाजपा नगर परिषद के चुनाव में खास तौर से नाहन में बेनिफिट लेती नजर आ रही है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह कैंडिडेट को ठोक बजाकर नहीं चुनपाना बताया जा रहा है। तो वहीं कुछ ऐसे वार्ड भी हैं जिनमें भाजपा की स्थिति काफी मजबूत है और उन प्रत्याशियों का रसूख उनकी जीत सुनिश्चित कर रहा है। नाहन नगर परिषद के वार्ड नंबर एक पर ना केवल प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप की प्रतिष्ठा दांव पर है बल्कि वार्ड नंबर 1 की भाजपा समर्थित प्रत्याशी चेयरमैन की दावेदारी में भी है।
तो वहीं वार्ड नंबर 4 से तुलसा कश्यप भाजपा की ओर से मजबूत स्थिति में है। ऐसे में नगर परिषद पर यदि भाजपा की जीत होती है तो निश्चित है तुलसा कश्यप को नगर परिषद की कुर्सी मिल सकती है। वही कोविड-19 काल के दौरान वार्ड नंबर 3 में कंटेनमेंट जोन के दौरान कुछ हालात ऐसे बने थे जिसको लेकर वार्ड के अधिकतर लोगों में वार्ड की पार्षद से नाराजगी व्यक्त की जा रही है। वही पोस्टर प्रकरण को लेकर भी उपमा धीमान भाजपा कैंडिडेट के साथ कांटे की टक्कर में आ चुकी है। वार्ड नंबर 2 जिसमें कांग्रेस को भी और भाजपा को भी जीत के मार्जिन में दोनों पार्टियों से बागी हुए मनोज और बॉबी भारत पहुंचा रहे हैं। मगर इस वार्ड में नरेंद्र तोमर काफी मजबूत स्थिति में है।
वार्ड नंबर 5 मधु अत्री की जीत को काफी नजदीक ले आया है तो वार्ड नंबर 6 भाजपा के हाथ से जाता हुआ नजर आ रहा है। वार्ड नंबर 7 कांग्रेस का एक मजबूत वार्ड माना जाता रहा है मगर जो वार्ड से खबरें छनकर आ रही हैं उसमें इस बार देवेंद्र अग्रवाल की स्थिति मजबूत नजर आ रही है। अब अगर बात की जाए वार्ड नंबर 8 जिसमें कांग्रेस का कब्जा था इसमें नीति अग्रवाल व ऋतिका गर्ग में कांटे की टक्कर चल रही है। वार्ड 9 नंबर की अगर बात की जाए तो इस पर भाजपा का कब्जा था वार्ड का जीता हुआ पार्षद बहुत कम मार्जिन के साथ जीता था। इस वार्ड में आराधना राणा की स्थिति काफी मजबूत नजर आ रही है।
बता दे कि आराधना राणा कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार है। वार्ड नंबर 10 कांग्रेस के हाथ से जाता हुआ नजर आ रहा है वार्ड की ग्राउंड रिपोर्ट अशोक विक्रम की जीत सुनिश्चित करती है। ऐसे में यदि दोनों एक समुदाय से संबंध रखने वाले प्रत्याशी एक हो जाते हैं तो अशोक विक्रम की स्थिति कमजोर भी पड़ सकती है। मगर ऐसी संभावना कम ही नजर आ रही है। वार्ड नंबर 11 जिसमें भाजपा ने संध्या अग्रवाल को मैदान में उतारा है और कांग्रेस की ओर से पूर्व पार्षद हरप्रीत कौर एक बार फिर से मैदान में है। इस सीट पर कांग्रेस की प्रतिष्ठा दांव पर है क्योंकि अगर कांग्रेस नगर परिषद पर काबिज होती है तो हरप्रीत कौर चेयरमैन पद की दावेदार है।
मगर जो हालात ग्राउंड रिपोर्ट में नजर आए हैं उसको लेकर ऐसा नजर आता है कि हरप्रीत कौर संभवत ओवरकॉन्फिडेंस में भी है। अब देखना यह होगा कि हरप्रीत कौर इन बाकी रहे दिनों में अगर एडी चोटी का जोर के साथ कोशिश करती हैं तो कुछ सीटे बेहतर आ सकती है। मगर मौजूदा हालातों के चलते संध्या अग्रवाल जीत के काफी नजदीक भी नजर आ रही हैं। अब बात की जाए वार्ड नंबर 12 यह एक ऐसे पार्षद का वार्ड रहा है जोकि नाहन नगर परिषद में उपाध्यक्ष भी हैं। मगर इस बार कांग्रेस ने भी ऐसा दांव खेला है जिसको लेकर सशक्त उम्मीदवार माने जाने वाले अविनाश को कुर्सी बचाना मुश्किल नजर आ रहा है।
क्योंकि ऊपरी नाहन में कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार नरेंद्र सिंह थापा के सामाजिक सरोकार उनकी जीत को काफी मजबूती दे रहे हैं। नाहन नगर परिषद का सबसे आखरी वार्ड 13 नंबर माना जाता है तो इस बार इस वार्ड में कांग्रेस के मजबूत दावेदार योगेश गुप्ता उर्फ सुखू भाई काफी मजबूत स्थिति में बने हुए हैं। इसके पीछे इनका व्यवहार और मिलनसार तथा हर व्यक्ति के लिए हेल्पफुल होना बताया जा रहा है। इस वर्ड में भी भाजपा के द्वारा एक सशक्त उम्मीदवार चुनने में थोड़ी कमी मानी जा रही है।
बरहाल कांग्रेस की ओर से अजय सोलंकी मैदान में डटे हुए हैं उनकी सादगी और ईमानदार छवि कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों को आशाएं बंधा रही हैं तो भाजपा समर्थित उम्मीदवार शहर के विकास को चरम तक पहुंचाने वाले डॉ राजीव बिंदल की छत्रछाया में काफी आश्वस्त नजर आते हैं। बरहाल शहर में जो हालात बने हुए नजर आ रहे हैं उसको लेकर ना तो कांग्रेस और ना ही भाजपा पार्टियों का बल्कि व्यक्तिगत रूप से जो कैंडिडेट के रसूख हैं वह उनकी जीत को काफी ज्यादा मजबूती देंगे।