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    Home»हिमाचल प्रदेश»पंचायतीराज चुनाव संपन्न होने के बाद क्षेत्र में बड़े राजनीतिक बदलाव 
    हिमाचल प्रदेश

    पंचायतीराज चुनाव संपन्न होने के बाद क्षेत्र में बड़े राजनीतिक बदलाव 

    By Himachal VartaJanuary 29, 2021
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    नाहन (हिमाचलवार्ता)।- पंचायतीराज चुनाव सम्पन होने के बाद क्षेत्र में बड़े राजनीतिक बदलाव देखने को मिल रहे है। चोकाने वाले परिणामों के पीछे कही युवा शक्ति तो कही पैसा, शराब व लुभावनी योजनाओं से परिणाम बदलने की बाते कही जा रही है।

    प्रत्याशियों के जीतने का कारण कोई भी रहा हो लेकिन पंचायतीराज चुनाव ने कई दिग्गज नेताओं की साख पंचायत स्तर पर धूमिल की है, जिसका असर विधानसभा चुनाव पर होना तय है।

    विस् शिलाई के लाधिक्षेत्र में कांग्रेस के दिगज्ज व  जिला परिषद चेयरमैन दलीप चौहान पंचायतीराज चुनाव में  गृह पंचायत के अंदर अपने प्रत्याशी को जीत दिलाने में असमर्थ रहे, जैलभोज क्षेत्र के बीजेपी नेता बहादुर सिंह व कफोटा क्षेत्र की शिल्ला पंचायत में कांग्रेस के गुमान सिंह अपने ही परिजनों की साख नही बचा पाए है इतना ही नही बल्कि शिलाई बीजेपी मंडल अध्यक्ष सूरत सिंह चौहान अपनी पंचायत में प्रधान पद सहित वार्ड सदस्यों के पदों पर चुनाव बुरी तरह हारे है।

    यदि जिला परिषद चुनाव पर नजर डालें तो बीजेपी के गढ़ में कांग्रेस तथा कांग्रेस के गढ़ में बीजेपी ने बाजी मारी है, सम्पन हुए चुनाव में कांग्रेस के गढ़ में बीजेपी ने दो सीटों पर अपना कब्जा किया है।

    बावजूद उसके शिलाई भाजपा की अपने ही गढ़ में जिला परिषद की दोनों सीटे ग्वाली व कांडो-भटनोल हारने से फजियत हुई है तो कांग्रेस अपनी पुश्तेनी सीटे कमरऊ व शिल्ला वार्ड बचाने में नाकाम साबित हुई है।

    प्रदेश खाद्य आपूर्ति निगम उपाध्यक्ष बलदेव तोमर अपने ही घर मे जिला परिषद की साख नही बचा पाए तो स्थानीय विधायक हर्ष वर्धन चौहान अपने घर की साख बचाने में नाकाम हुए है ऐसे में ऊंट किस करवट बैठता है यह समय बताएगा।

    विशेषयज्ञों कि माने तो पंचायतीराज चुनाव लोकतंत्र का ग्रासरूट माना जाता है। चुनावी मैदान में दिग्गज नेताओं की फजियत विधानसभा चुनाव के विश्लेषण बदलेगी यह सम्भव है।

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