रिटायरमेंट के बाद कार्मेल स्कूल में भी दी सेवाएं, बच्चों के थे चहेते
नाहन (हिमाचलवार्ता)। 90 के दशक तक हिमाचल पथ परिवहन निगम नाहन डिपो की शान रहे चालक मोतीराम वीरवार की देर शाम दुनिया को अलविदा कह गए हैं। करीब 92 वर्ष के साथ चलते फिरते मोती बाबा की मृत्यु हृदयाघात से होना बताया जा रहा है। पारिवारिक सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के अनुसार वीरवार की शाम को खाना खाने के बाद उनके सीने में अचानक दर्द उठा और उसके बाद वह उठ नहीं पाए।
शान ए एचआरटीसी रहे मोतीराम बड़े ही हंसमुख व मृदु स्वभाव के व्यक्ति थे। सुंदर लिबास और सर पर नेपाली व हिमाचली टोपी अक्सर वे मोनाल की कलगी के साथ लगाया करते थे।
बड़ी बात तो यह है कि रिटायरमेंट के बाद उन्होंने 90 के दशक के बाद कार्मेल कान्वेंट स्कूल में भी बतौर चालक अपनी सेवाएं दी। बच्चों को भी वह बहुत प्यार करा करते थे और अन्य चालकों को ट्रैफिक रूल के साथ गाड़ी चलाने की नसीहत दिया करते थे।
यही नहीं सुख हो या दुख छावनी के क्षेत्र में उनकी उपस्थिति अक्सर नजर आती थी। एचआरटीसी में नौकरी करने से पहले मोतीराम भारतीय सेना में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। एक अच्छी उम्र जीने वाले मोतीराम अपने पीछे अपना हंसता खेलता परिवार छोड़ कर गए हैं। मोती बाबा के दो बेटे और तीन बेटियां थी जिनमें से एक बेटी की मृत्यु हो गई थी।
मोती राम के एक बेटे महेंद्र सिंह छेत्री रेवेन्यू विभाग में अधिकारी हैं जबकि दूसरे बेटे धीरज क्षेत्री एक निजी क्लीनिक में लेबोरेटरी तकनीशियन है।
मोतीराम नाहन ऊपरी छावनी में रहते थे और अक्सर 2 वक्त घूमना उन्हें बहुत पसंद था । उनके इस प्रकार अचानक चले जाने से पूरे छावनी वाहन शहर में गम का माहौल है। संभवत आज दोपहर 12:00 बजे तक उनका अंतिम संस्कार शिव धाम नाहन में किया जाएगा।