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    Home»चण्डीगढ़»खुले में शोच मुक्त होने के बाद जिले के गांवों को ओ.डी.एफ. पल्स का दर्जा दिलाने के लिए स्वच्छता मुहिम में योगदान दे रहे हैं लोग
    चण्डीगढ़

    खुले में शोच मुक्त होने के बाद जिले के गांवों को ओ.डी.एफ. पल्स का दर्जा दिलाने के लिए स्वच्छता मुहिम में योगदान दे रहे हैं लोग

    By Himachal VartaFebruary 6, 2021
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    बरसात, अंधेरी व बीमारी आदि में बाहर शोच जाने से मिली मुक्ति: गांव की महिलाएं

    पटियाला/चंडीगढ़ (हिमाचलवार्ता)। स्वच्छ भारत ग्रामीण के पहले पड़ाव अधीन पटियाला जिले के समुचे गांवों को खुले में शोच जाने से मुक्त घोषित किए जाने के बाद अब इन गांवों के लोग अगले पड़ाव तहत ओ.डी.एफ पल्स का दर्जा दिलाने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। परिणाम स्वरूप गांवों में साफ-सफाई तथा स्वच्छता को पहल मिलने के कारण लोगों के जीवन का स्तर ऊंचा उठा है। इससे पहले जिले के सभी गांवों में लोगों के घरों में शौचालय उपलब्ध होने के बाद जिला ओ.डी.एफ. घोषित किया गया था।
    खुले में शोच मुक्त घोषित किए गांवों की महिलाओं ने कहा है कि उनको बरसात, अंधेरे या बीमारी आदि में शोचालय जाने के लिए काफी मुश्किल लगता था लेकिन अब उनके घरों में शोचालय बनने के साथ उनका जीवन बहुत आसान हो गया है।
    गांव उगाणी के निवासी सुरिंदर सिंह ने कहा कि उनका गांव खुले में शोच जाने से मुक्त है और अब वह अपने गांव को और साफ-सुथरा रखने के लिए वचनबद्धता निभा रहे हैं, जबकि इसी गांव की महिला पूनमप्रीत कौर ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा और निजता के चलते खुले में शोच जाना महिलाओं के लिए बहुत मुश्किल था लेकिन जब से उनके गांव में घर-घर शोचालय बने हैं तो उस समय से महिलाओं का जीवन काफी आसान हो गया है।
    जबकि एक अन्य बुजुर्ग महिला जसपाल कौर ने कहा कि जब वह इस गांव में विवाह करके आई थी तो उस समय ऐसी परेशानी का सामना करना पड़ा है लेकिन अब घर-घर शोचालय बनने के साथ जहां महिलाएं खुले में शोच जाने के साथ होने वाली बीमारियों से बच गई हैं, वहीं ही उनकी निजता व सुरक्षा भी यकीनी बन गई है।
    इसी तरह गांव ममोली की निवासी लाभपात्री महिला मनजीत कौर व बबली ने कहा कि घर-घर शोचालय बनाने की स्वच्छ भारत स्कीम तहत उनके घर भी शोचालय बना तो उनको नर्क भरी जिंदगी से छुटकारा मिल गया। गांव धर्मगढ़ की कर्मजीत कौर, जोकि काफी साफ-सुथरे शोचालय के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीत चुकी हैं, ने कहा कि घर-घर शोचालय बनने के साथ महिलाओं की इज्जत की रक्षा हुई है और साथ ही उनका गांव भी स्वच्छ हुआ है।
    जल सप्लाई और सैनिटेशन विभाग की आई.ई.सी. संगीता त्रिपाठी ने कहा कि उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन तहत लोगों, खास करके महिलाओं व बच्चों की जागरूकता के लिए मुहिम चलाई तथा इसका बहुत अच्छा परिणाम निकला ओर लोगों ने अपने घरों में शोचालय बनवा कर अपने गांवों को खुले में शोच मुक्त बनाने में योगदान डाला। अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (विकास) डॉ. प्रीति यादव ने कहा कि गांवों में विभिन्न स्कीमों तहत लोगों के घरों में शोचालय बनवाए गए और अब स्वच्छ भारत के दूसरे पड़ाव तहत गांवों में संयुक्त शोचालय व बाथरूम बनाकर गांवों को ओ.डी.एफ. पल्स बनाया जा रहा है। इस तहत ठोस व तरल कचरे के निपटारे सहित एस.टी.पी. लगाने की भी तजवीज है ताकि गांवों को पूरी तरह स्वच्छ तथा गंदगी मुक्त बनाया जा सके।

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