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    उत्तराखंड के चमोली में हुई त्रासदी में फंसे जीत बहादुर व अन्य साथियों को निकालने के लिए पूरी ताकत लगाई जा रही है

    By Himachal VartaFebruary 9, 2021
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    जीत बहादुर सहित सब को बचाने में बची अब 100 मीटर की दूरीi

    सांसो की उम्मीद पर सेना, आईटीबीपी ,एनडीआरएफ, एसडीआरएफ ने झोंकी पूरी ताकत

    नाहन (हिमाचलवार्ता)। – चमोली जिला के जोशीमठ स्थित तपोवन के एनटीपीसी पावर प्लांट की सुरंग में कंपनी के डीजीएम जीत  बहादुर सहित करीब 37 लोगों आज तीसरे दिन तक भी बाहर नहीं निकाले जा सके हैं। जबकि पूरे देश की दुआओं सहित मौके पर रेस्क्यू में लगी सेना आइटीबीपी एनडीआरएफ उत्तरांचल एसडीआरएफ सहित तमाम वॉलिंटियर्स ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है।

    गौरतलब हो कि रविवार करीब 11:30 बजे के बाद सुबह नंदा देवी ग्लेशियर के फट जाने के कारण एक बड़ी जल प्रलय ऋषि गंगा अलकनंदा नदी में आ गई थी। जिसके साथ भारी मात्रा में स्लज भी आया था।

    आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इस त्रासदी के बाद दो लोकेशन पर सबसे ज्यादा नुक्सान हुआ है। जिसमें रैणी स्थित मिनी पावर प्रोजेक्ट का नामोनिशान तक मिट गया है। इस जगह पर करीब 46 लोगों को मिसिंग सूची में डाला गया है। जबकि दूसरा सपोर्ट एनटीपीसी का पावर प्लांट है जहां पर अभी रेस्क्यू का कार्य चल रहा है।

    अधिकारिक पुष्टि के अनुसार अभी तक कुल 197 मिसिंग बताया जा रहे हैं जबकि 29 लोगों की डेड बॉडी रिकवर की जा चुकी है। इन सबके अलावा 12 लोगों को टनल से रेस्क्यू कर लिसबकेगया था। जबकि दूसरी और जिस तपोवन वाली सुरंग की बात की जा रही है वह अभी तक बंद पड़ी है।

    इस टनल में युद्ध स्तर पर रेस्क्यू कार्य चल रहा है प्राप्त जानकारी के अनुसार आज तीसरे दिन खबर लिखे जाने तक रेस्क्यू टीम सुरंग में करीब 90 मीटर तक पहुंच चुकी है। रेस्क्यू कार्य में लगे इंजीनियर के अनुसार सुरंग में बंद लोगों की जिंदगी की उम्मीद है काफी ज्यादा है। इसकी बड़ी वजह यह है कि जिस चैनल में यह लोग हैं इस टनल लग से 90 डिग्री पर लगभग 100 मीटर की टनल है उसके बाद फिर 90 डिग्री मोड़ के एंगल के साथ आगे 600 मीटर टनल है।

    टेक्निकल रूप से बाहर से अंदर तक करीब 180 मीटर के बाद यह 90 डिग्री का र्टन बताया जाता है। इस स्पॉट से करीब 75 या 80 मीटर के आसपास इन सभी लोगों की लोकेशन बताई जा रही है। क्योंकि सलज 90 डिग्री के एंगल पर कुछ दूर तक ही गया होगा ऐसी उम्मीद बताई जा रही है और इसी जगह पर एक पॉकेट क्रिएट हुई होगी जिसको लेकर इन सब की जिंदगी की उम्मीद है ज्यादा बताई जा रही है।

    हालांकि इस सुरंग का डाया 8 मीटर का बताया जा रहा है लिहाजा जो पॉकेट अंदर तैयार हुआ है वहां पर 3 दिन तक व्यक्ति कम ऑक्सीजन के दबाव में भी जिंदा रह सकता है। ऐसे में आज देश व देश की इस रेस्क्यू टीम की परीक्षा की घड़ी है। सुरंग में कीचड़ भारी मात्रा में है। प्राप्त जानकारी के अनुसार ड्रिल मशीन भी मंगवाई जा रही है संभवत कहीं और से इन लोगों की लोकेशन तक पहुंचने का प्रयास भी किया जाएगा।

    उधर संजय विद्युत परियोजना सीनियर सेकेंडरी स्कूल भवानगर किन्नौर में भी जीत ठाकुर उनके साथियों के लिए भगवान से सुरक्षित होने की कामना की गई है। बता देगी जीत सिंह ठाकुर ने प्रोजेक्ट के स्कूल से प्लस टू तक की पढ़ाई की है। स्कूल के प्रिंसिपल राजकुमार शहीद मनोज गुप्ता अनीता वह तमाम बच्चों ने जीत बहादुर व उनके साथियों की लंबी उम्र की कामना की है।

    उधर एनटीपीसी के अधिकारी राकेश डिमरी ने बताया कि 180 मीटर की सुरंग में 90 डिग्री के मोड़ पर 100 मीटर टनल है फिर उसके बाद 90 डिग्री पर 600 मीटर की टनल है यह सभी इस जगह पर गए थे। उन्होंने बताया कि संभवत जहां तक सलज का पहुंचना मुश्किल है।

    उधर एसडीआरएफ के कमांडेंट नवनीत भुल्लर ने बताया कि मौके पर प्रशासन सेना आईटीबीपी एनडीआरएफ एसडीआरएफ आदि युद्ध स्तर पर तमाम संभावनाओं के साथ रेस्क्यू कार्य में जुटे हुए हैं। उन्होंने बताया कि रेस्क्यू दल करीब 90 मीटर तक अंदर पहुंच चुका है। भारी कठिनाइयों के बावजूद आज मिशन कंप्लीट कर लिए जाने की संभावना है। उन्होंने बताया कि सुरंग के टेक्निकल दृष्टिकोण से अंदर बंद जिंदगी यों की उम्मीद ज्यादा बताई जा रही है।

    बरहाल इस हादसे के बाद देश की सरकार उत्तराखंड शासन व प्रशासन जिस प्रकार पूरी तत्परता के साथ रात दिन इस हादसे के बाद रेस्क्यू में जुटा हुआ है उसकी जितनी तारीफ की जाए कम है। यहां हम यह भी बता दें कि इस रेस्क्यू में भावनाएं भी बहुत गहराई तक जुड़ी हुई है। हमने जब कंपनी के शीर्ष अधिकारी से बात की तो उनका वर्शन मौके पर होने की पुष्टि कर रहा था और उन्होंने रोते रोते सिर्फ एक ही बात कही कि सब दुआएं करें कि हमारे सब लोग सुरक्षित हो।

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