डा यशवंत सिंह परमार पीजी कॉलेज नाहन होगा राष्ट्रीय स्तर की रैंकिंग पर
नैक (एनएएसी) की मान्यता के लिए 22 और 23 फरवरी को होगा 3 सदस्य टीम के द्वारा पैरामीटर्स का वेरिफिकेशन
नाहन (हिमाचलवार्ता)। जिला सिरमौर के नाहन स्थित डॉ यशवंत सिंह परमार स्नातकोत्तर महाविद्यालय राष्ट्रीय स्तर की रैंकिंग के लिए जल्द ही नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल के द्वारा मान्यता प्राप्त हो सकता है। इसके लिए उसे 22 और 23 फरवरी को होने वाले वेरिफिकेशन में खरा भी उतरना होगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जब से यह विद्यालय बना है तब से इसे आज तक एनएएसी से मान्यता नहीं मिली है। जिसको लेकर यूजीसी से मिलने वाली कई ग्रांट और राष्ट्रीय स्तर की रैंकिंग का इस महाविद्यालय को कोई फायदा नहीं हो रहा था। लिहाजा 1 साल की कसरत के साथ महाविद्यालय के प्रबंधन के द्वारा तमाम पैरामीटर्स की औपचारिकताओं को पूरा करते हुए रिपोर्ट नैक को भेजी गई थी।
अब इसी रिपोर्ट को जांचने के लिए 3 सदस्यों की टीम बेंगलुरु से 21 फरवरी को नाहन पहुंच जाएगी। इस टीम में गुजरात यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर, जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी से एक सीनियर प्रोफेसर तथा महाराष्ट्र के एक बड़े कॉलेज के प्रिंसिपल निरीक्षण करने पहुंचेंगे।
गौरतलब हो कि नैक ने मूल्यांकन एवं प्रत्यायन के आधार के रूप में सात मानदंडों के एक ढांचे को इंगित किया हुआ है। नैक ने उच्चतर संस्थानों को इसके लिए तीन श्रेणियों में विभाजित किया है। इसके अलग-अलग 60 तरह के पैरामीटर भी रखे गए हैं जिसमें छात्र सहयोग एवं विकास , संचालन नेतृत्व व प्रबंधन, मूलभूत सुविधाएं, स्पोर्ट्स व सांस्कृतिक एक्टिविटीज, प्लेसमेंट, छात्रों की संख्या, कितने पीजी व नॉन पीजी कोर्सेज है वगैरा-वगैरा।
इस महाविद्यालय के प्रिंसिपल दिनेश भारद्वाज अपनी पूरी टीम के साथ इस संस्थान को नैक एक्रीडिटेशन के लिए आजकल इसी कवायद में जुटे हुए हैं। अब आपको यह भी बता दें कि यह टीम तमाम पैरामीटर्स को जांचने के बाद ए से लेकर डी तक की ग्रेडिंग करती है। टीम के निरीक्षण के बाद इस महाविद्यालय को कौन सा ग्रेट मिलता है यह तो समय ही बताएगा मगर यह तो तय है कि अब इस महाविद्यालय को नैक की मान्यता मिलना जरूरी है।
क्या है नैक
उच्च शिक्षा की गुणवत्ता एवं प्रासंगिकता को लेकर संस्थानों का मूल्यांकन भी हो इसके लिए एक राष्ट्रीय स्तर की स्वतंत्र मूल्यांकन संस्था स्थापित की गई थी। जिसके लिए सन 1993 में यूजीसी के स्वायत्त संस्थान के रूप में एनएएसी की स्थापना की गई।
बड़ी बात तो यह है कि नेट कोई नियमन प्राधिकरण तथा एनफोर्समेंट एजेंसी नहीं है बल्कि यह जो मूल्यांकन करती है उससे भारत में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने और इस किए गए सुधार का लाभ शैक्षणिक संस्थानों के भागीदारों तक पहुंचे यही इसका मुख्य उद्देश्य रहता है। साथ ही शिक्षण संस्थाओं की गुणवत्ता का मूल्यांकन कर उसे सार्वजनिक करना भी होता है।
बता दें कि अभी तक जिला सिरमौर में पांवटा साहिब तथा संगड़ाह के कॉलेज को नेट से मान्यता मिली हुई है। शिलाई तथा नाहन के कॉलेज अभी इस मान्यता के लिए मैहरूम थे। अब देखना यह है कि 2 दिन के इस विजिट में इस महाविद्यालय को मान्यता मिलती है या नहीं।
उधर महाविद्यालय के प्रिंसिपल दिनेश भारद्वाज ने खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि 21 तारीख को 3 सदस्यों की टीम बेंगलुरु से नाहन पहुंच जाएगी। उन्होंने बताया कि 22 और 23 फरवरी को कॉलेज का भी निरीक्षण करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि इसके लिए उन्होंने पूरी तैयारी भी कर रखी है।