
आदेशानुसार सभी धार्मिक स्थलों के अंदर हवन, भजन, विवाह और मुन्डन संस्कार की अनुमति होगी। इसके अतिरिक्त, श्रद्वालुओं को गर्भगृह में जाकर दर्शन करने की भी अनुमति होगी। उन्हाेंने बताया कि गर्भ गृह में एक बार में कितने श्रद्धालु जाएंगे यह मन्दिर ट्रस्ट तय करेगा।
उन्हाेंने बताया कि मन्दिर परिसर में नारियल, चूनी, झंडा व थैली बंद सूखा प्रसाद कि अनुमति होगी। इसके अतिरिक्त, मन्दिर परिसर में मास्क, सामाजिक दूरी के साथ लंगर, भण्डारे की अनुमति भी होगी। उन्हाेंने बताया कि मन्दिर परिसर में बने सरायों में श्रद्वालुओं को ठहरने की अनुमति भी होगी।