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    Home»हिमाचल प्रदेश»मुख्यमंत्री ने अधोसंरचना विकास के लिए केंद्र से उदार वित्तीय सहायता का आग्रह किया
    हिमाचल प्रदेश

    मुख्यमंत्री ने अधोसंरचना विकास के लिए केंद्र से उदार वित्तीय सहायता का आग्रह किया

    By Himachal VartaFebruary 20, 2021
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    नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में वर्चुअली शामिल हुए जय राम ठाकुर

    नयी दिल्ली/शिमला (हिमाचलवार्ता)।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की छठी बैठक की अध्यक्षता की। बैठक का आयोजन वर्चुअल माध्यम से किया गया जिसमें कृषि, अधोसंरचना, विनिर्माण और मानव संसाधन विकास के मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई।
    केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया।
    शिमला से इस बैठक में शामिल होते हुए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि पहाड़ी राज्य होने के कारण हिमाचल प्रदेश में अधोसंरचना सृजित करने के लिए अन्य राज्यों की अपेक्षा अधिक धनराशि और संसाधनों की आवश्यकता है। राज्य सरकार हिमाचल को देश का पर्यटन केन्द्र बनाने के लिए भरसक प्रयास कर रही है लेकिन बेहतर हवाई और रेल सम्पर्क नहीं होने के कारण इसमें समस्याएं आ रही हंै। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि मण्डी में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के निर्माण और कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार के लिए पर्याप्त आर्थिक सहायता स्वीकृत की जाए। इससे जहां पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, वहीं यह सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अधोसंरचना विकास को शीर्ष प्राथमिकता प्रदान कर रही है। अटल टनल रोहतांग का निर्माण रिकाॅर्ड समय में पूरा करने और इस कार्य में व्यक्तिगत रूचि लेने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस सुरंग के बनने से लाहौल और पांगी घाटी में लोगों की आजीविका में काफी सुधार हुआ है, क्योंकि हजारों की संख्या में पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं। रोहतांग टनल से प्रतिदिन लगभग पांच हजार वाहन गुजर रहे हैं। केलंग घाटी में पिछले महीने से स्नो फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है जिसे देखने के लिए हर क्षेत्र से लोग पहुंच रहे हैं, जो इस सुरंग के निर्माण के बिना संभव नहीं हो पाता।
    जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश का बद्दी क्षेत्र एशिया का सबसे बड़ा फार्मा हब बनकर उभरा है। राज्य में बल्क ड्रग फार्मा पार्क के लिए प्रभावी रूप से कार्य करना आरम्भ किया है। इसके अतिरिक्त, राज्य में मेडिकल डिवाइसिज मैनुफेक्चरिंग पार्क और इलैक्ट्राॅनिक मैनुफेक्चरिंग हब के लिए भी प्रयास जारी हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि प्रदेश के लिए इन सभी पार्क को स्वीकृत किया जाए ताकि यहां आर्थिक स्थिति में व्यापक परिवर्तन लाया जा सके।
    उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने 25 जनवरी, 2021 को पूर्ण राज्यत्व के 50 वर्ष पूरे कर लिए हैं और राज्य सरकार ने इस वर्ष को स्वर्ण जयन्ती के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि छोटा राज्य होने के बावजूद हिमाचल प्रदेश में देश के कई बड़े राज्यों को राह दिखाई है। राज्य ने जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन में बेहतरीन प्रदर्शन किया है और यह देश का पहला राज्य बना है, जिसे मिशन के अन्तर्गत चार ट्रैंच प्राप्त हुए हैं। इसके अतिरिक्त, प्रदेश के तीन जिलों में नल से जल उपलब्ध करवाने का शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया गया है, जबकि वर्ष 2021-22 में तीन और राज्यों के सभी घरों को जल उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा गया है।
    जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्राथमिकता के अनुरूप प्रदेश में सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती योजना कार्यान्वित की जा रही है। इस योजना के अन्तर्गत एक लाख से अधिक किसानों को लाभान्वित किया जा चुका है, जिससे उनकी आमदनी में वृद्धि में सहायता मिली है। इस प्रणाली के आधार पर प्रदेश के नौ हजार से अधिक सेब उत्पादकों ने 155 बीघा भूमि पर सेब उत्पादन आरम्भ किया है।
    प्रदेश की विकासात्मक मांगों और आवश्यकताओं को हमेशा ध्यान में रखने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि केन्द्र द्वारा प्रदान किया गया 450 करोड़ रुपये का ब्याजमुक्त ऋण प्रदेश के खर्चों को चलाने में बहुत मददगार साबित हुआ है।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश ने निवेश प्रोत्साहित करने के लिए व्यापार में सुगमता में बहुत सुधार किया है जिसके कारण हिमाचल प्रदेश अब 16वें स्थान से सातवें स्थान पर पहुंच गया है। वर्ष 2019 में धर्मशाला में आयोजित ग्लोबल इंवेस्टरर्ज मीट के उपरांत 13500 करोड़ रुपये के निवेश का ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह आयोजित किया गया है जबकि 10 हजार करोड़ रुपये की अन्य परियोजनाएं ग्राउंड ब्रेकिंग के लिए तैयार हैं।
    नीति आयोग के उपाध्यक्ष डाॅ. राजीव कुमार ने प्रधानमंत्री, केन्द्रीय मंत्रियों, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों, उप राज्यपालों तथा केन्द्र शासित राज्यों के प्रशासकों का स्वागत किया।
    केन्द्रीय मंत्रियों और अन्य अधिकारियों ने नई दिल्ली से बैठक में भाग लिया जबकि प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव, वित्त प्रबोध सक्सेना और अतिरिक्त मुख्य सचिव आबकारी एवं कराधान जे.सी. शर्मा शिमला में उपस्थित रहे।
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