आज शिवरात्रि पर क्या रहा विशेष झंडा शिव शक्ति पीठ पर..
नाहन।-सिरमौर जिले के प्रवेश द्वार कालाअम्ब के साथ लगते सडोरा कालाअम्ब रोड के पास झंडा गांव में महाकालेश्वर शिव मंदिर लोगों की प्रगाढ़ आस्था का प्रतीक है। इस मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। यहां पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु शीश नवाने पहुंचते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। यमुनानगर जिले के साडोरा काला आम रोड के पास झंडा गांव में यह मंदिर स्थापित है। महाशिवरात्रि पर्व पर यहां बड़ा आयोजन होता है।
शिव मंदिर गौशाला समिति के द्वारा आज शिवरात्रि के उपलक्ष पर मंदिर को दिव्य रूप में सजाया गया। समिति के सदस्य सुबह से ही इस दिव्य स्थान पर आयोजित होने वाले मेले में व्यवस्था बनाने में जुटे हुए थे। समिति के अध्यक्ष रमेश उर्फ बिट्टू ने बताया कि सुबह प्राचीन दिव्य शिवलिंग का अभिषेक किया गया उसके बाद हवन का आयोजन किया गया।
बताया जाता है कि भगवान भोलेनाथ के मंडल में सात कोंबो का पानी है। पांडवों ने जब भगवान शिव से पानी मांगा तो उन्होंने पानी देने से मना कर दिया। भगवान शिव वहां से चले गए थे। मान्यता है कि जब पांडव भगवान शिव के पीछे-पीछे चले तो शिव के कमंडल से पानी की कुछ बूंदे यहां गिर गई थी यहां से पानी की 7 धाराएं बाहर निकली थी।
बड़ी बात तो यह है कि इस दिव्य और रहस्यमई मंदिर की सेवा में रात दिन जुटी मन की अशांति दूर हो जाती है। महाभारत काल से लेकर आज तक यह मंदिर प्रत्यय रूप से पॉजिटिव एनर्जी का एक बहुत बड़ा स्त्रोत रहा है। बड़ी बात तो यह है कि समिति के सदस्यों ने मेला स्थल से मंदिर तक वाहनों पर प्रतिबंध लगाया हुआ है।
जबकि बुजुर्ग व चल पाने में असमर्थ लोगों के लिए ट्रैक्टर और अन्य वाहनों का इंतजाम भी किया हुआ है। यही नहीं कोरोना वायरस को ध्यान में रखते हुए गौशाला शिव मंदिर समिति के सदस्य लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं।देश की