अधिकारियों के सर पर जूं तक नही रेंगी,आश्वासन लफ्जों तक सीमित
नाहन (हिमाचलवार्ता)। औद्योगिक क्षेत्र पांवटा साहिब में सड़क की स्तिथि बदतर होती जा रही है। अब आम व्यक्ति के समझ में नहीं आ रहा है कि सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़कें बनी हैं। सड़कों पर भारी भरकम गहरे गड्ढे मौत को सीधे न्योता दे रहे हैं।
वहीं स्थानीय लोगों के मुताबिक सड़कों को सुधारने का जो पैच वर्क किया गया है। उसकी हालत तो और भी खराब है। लोगों का कहना है कि उन्हें निजी वाहन के बजाय बसों में सफर करना पड़ रहा है। और अपने वाहनों को घर पर रखना पड़ रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन के द्वारा जो पैच वर्क किया गया है। उसकी स्थिति बदहाल हो गई है। जिसकी तरफ प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। यह सड़क पांवटा से गुम्मा को जोड़ने वाली एकमात्र सड़क है।
यहां से अक्सर पर्यटकों का तांता लगा रहता है जो रोहड़ू, चूड़धार, रोनहाट आदि के लिए जाती है लेकिन सड़क मार्ग की स्थिति आमजन सहित पर्यटकों के लिए एक अभिशाप बनकर रह गई है।
यही नहीं बल्कि इसे लेकर आमजन में नेताओं और प्रशासन के प्रति नाराजगी है, क्योंकि वह लोग सड़कों को ठीक करवाने के लिए कई दफा आवाज उठा चुके हेम लेकिन प्रशासन के सर पर जूं तक नही रेंगी है।उनका कहना है कि नेता केवल आश्वासन देते हैं परंतु धरातल की स्थिति कुछ और ही बयां कर रही है।
आमजन का यह भी कहना है कि खाद्य आपूर्ति विभाग के अध्यक्ष बलदेव तोमर जो कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के सबसे करीबी माने जाते हैं उनके गृह क्षेत्र शिलाई विधानसभा में भी सड़कों की हालत दयनीय स्थिति में आ चुकी है।लेकिन इनके आष्वासन सिर्फ एकमात्र लफ्ज बनकर रह गया है ।
बताते चले कि हिमाचल और उत्तराखंड को जोड़ने वाली सड़कों की हालत भी दयनीय है यहां पर प्रतिदिन सड़क दुर्घटना के मामले सामने आते हैं।पांवटा से रेणुका जाने वाली सड़क की हालत भी खराब है अधिकारियों का कहना है कि सड़कों की हालत जल्द सुधारी जाएगी।आखिर अब देखना यह होगा कि कब तक कार्यवाही अमल में लाई जाती है ।