
नाहन मेडिकल कॉलेज व्यवस्था पूरी तरह फेल, सीएम के आगे लोगों ने रोया दुखड़ा
नाहन (हिमाचलवार्ता) :- जिला सिरमौर में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों को लेकर लगता है अब पानी सर से गुजर गया है। भयावह हो रही स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का काफिला भी पीड़ितों का दुखड़ा सुन हक्का-बक्का रहा। आज शुक्रवार को जिला सिरमौर में कोरोना से निपटने को लेकर तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर नाहन पहुंचे। मुख्यमंत्री सीधे हेलीपैड से सर्किट हाउस पहुंचे जहां उन्होंने कुछ मिनट रुकने के बाद नाहन मेडिकल कॉलेज के निर्माणाधीन भवन का निरीक्षण किया।
जिसके बाद वह सीधे नाहन मेडिकल कॉलेज पहुंचे। इस दौरान उनके साथ स्वास्थ्य मंत्री डॉ राजीव सहजल, ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी, स्थानीय विधायक डॉ राजीव बिंदल, बलदेव तोमर, जिला भाजपा अध्यक्ष विनय गुप्ता आदि रहे। डॉ राजीव बिंदल ने नाहन मेडिकल कॉलेज में कोरोना को लेकर जो कमियां अस्पताल में मौजूदा समय है उनको लेकर अवगत कराया। इस दौरान मुख्यमंत्री इमरजेंसी कक्ष और आईसीयू का जायजा लेने भी पहुंचे।
हैरानी करने वाली बात तो यह थी कि आईसीयू पूरा का पूरा खाली था और कोरोना से पीड़ित मरीज सड़कों पर पड़े थे। एक महिला जो कोरोना से संक्रमित थी और उसके परिजन रोते बिलखते रहे मगर मुख्यमंत्री उनके ठीक आगे से मुंह मोड़ते हुए निकल गए। जिसके बाद कोरोना उपचार को लेकर और मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही को लेकर मरीजों के परिजनों ने मुख्यमंत्री के आगे जमकर गुबार निकाला। एक महिला जिसका पति मरणासन्न स्थिति में है और कुछ ऐसे व्यक्ति भी थे जिनके मरीज कोरोना से मर चुके थे और उनके मृतक शरीर के साथ जो डॉक्टर ने खिलवाड़ किया उसको लेकर भी स्थिति से अवगत कराया गया।
हैरान कर देने वाली बात तो यह थी की इन पीड़ित परिजनों ने मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाते हुए नर्सिंग स्टाफ की जमकर तारीफ भी करी। वास्तु स्थिति के बारे में स्थानीय विधायक ने भी लोगों की बातों का समर्थन करते हुए चिकित्सकों की लापरवाही की बाबत जानकारी दी। कोरोना संक्रमित पेशेंट की तीमारदार महिला ने मुख्यमंत्री को बताया कि कोविड-19 वार्ड में केवल नर्स और सफाई कर्मचारी ही उनकी देखरेख करते हैं। जबकि डॉक्टर कभी भी उनके वार्ड में निरीक्षण करने नहीं आते हैं।
बता दें कि जिला सिरमौर में लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। यही नहीं प्रतिदिन मौत का आंकड़ा भी भारी भयावह स्थिति की ओर इशारा करता नजर आ रहा है। बीते कल जिला प्रशासन के द्वारा पत्रकार वार्ता भी आयोजित करवाई गई थी। इस वार्ता में मीडिया कर्मियों के द्वारा भी अस्पताल प्रबंधन को सवालिया घेरे में खड़ा किया गया। हालांकि जिला सिरमौर प्रशासन अपनी तरफ से हर स्थिति से निपटने को लेकर प्रतिदिन रणनीतियां बना रहा है। बावजूद इसके जिला में अब स्थिति लगभग लगभग नियंत्रण से बाहर होती नजर आ रही है।