यशवंत विहार कॉलोनी के निवासी संजय ठाकुर का कहना है कि उनके द्वारा जल शक्ति विभाग को कई बार इस समस्या से अवगत कराया गया। बावजूद इसके विभाग टूटी हुई पाइपलाइन जोड़ पाने में असमर्थ साबित हुआ है। स्थानीय निवासी नरेंद्र मोहिल का कहना है कि शहर में पानी की कोई कमी नहीं है पानी का प्रेशर भी बड़ा अच्छा आता था मगर पाइपलाइन टूट जाने की वजह से अब लोगों के घरों में पानी नहीं जा रहा है।
मोहिल ने विभाग से आग्रह करते हुए कहा कि जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान किया जाए। वही यशवंत विहार निवासी जगदीप कंवर का कहना है कि टूटे हुए पाइप की वजह से कॉलेज के नीचे वाली पहाड़ी प्राकृतिक झरना बन गई है। उन्होंने बताया कि पाइप के टूटे होने के कारण रोज लाखों लीटर पानी सड़कों पर बर्बाद हो रहा है। जबकि लोगों के घरों में पानी नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा आम जनता को चेतावनी दी गई है कि अगर किसी भी उपभोक्ता के घर में पानी ओवरफ्लो होकर बहता पायाः गया तो उस का कनैक्शन काट दिया जाए गा मगर अब विभाग के पाईप के टूटने से पानी बेकार नष्ट हो रहा है इस पर किसे दोषी माना जाएगा और क्या सजा दी जाए गी
उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि इतना पानी रोज बर्बाद हो रहा है बावजूद इसके इस समस्या का समाधान करने के लिए जल शक्ति विभाग का कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं आया है। मौके पर केवल जूनियर इंजीनियर राजेश ही पहुंचे हैं। जूनियर इंजीनियर राजेश का कहना है कि जो इस लाइन को जोड़ने में निप्पल लगाया जाना है वह नाहन शहर में अवलेबल नहीं है। उन्होंने बताया कि इस पाइप पर विशेष प्रकार की वेडिंग होती है जिस की सुविधा यहां नहीं है।
बता दे कि जल शक्ति विभाग मौजूदा समय मैनपावर की भारी कमी से जूझ रहा है। 60 हजार की आबादी पर एक दर्जन कर्मचारी भी जल शक्ति विभाग के पास नाहन डिवीजन में मौजूद नहीं है। हैरानी तो इस बात की भी है कि पब्लिक डीलिंग पर कार्य करने वाले इस विभाग के पास शिकायत निवारण या मेंटेनेंस वाहन ही नहीं है। जेई व सुपरवाइजर अपने निजी वाहनों में प्राइवेट लेबर को लेकर शहर के एक कोने से दूसरे कोने तक भागते दौड़ते रहते हैं। कुल मिलाकर कहा जा सकता है सरकार की इस कमी का खामियाजा कर्मचारियों को भुगतना पड़ता है।