जिस कारण किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है
नाहन (हिमाचलवार्ता)। एक तरफ सरकार 2022 में किसानों की आय दोगुना करने की बात करती है तो दूसरी तरफ सिरमौर जिला में किसानों को बीज, खाद, दवाइयाँ व कृषि से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ देने के लिए बनाए गया कृषि विभाग वर्तमान समय में स्टाफ की भारी कमी से जूझ रहा है! सिरमौर जिला के सभी ब्लॉकों में कृषि विभाग मैं स्टाफ की भारी कमी के चलते किसानों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है! भारतीय किसान यूनियन के जिला उपाध्यक्ष एवं हाटी अधिकार मंच के अध्यक्ष इंटर सिंह राणा के अनुसार सिरमौर जिला में कृषि विभाग में लगभग 80-90% अत्यंत महत्वपूर्ण पद खाली पड़े हैं, जिसकी वजह से सिरमौर के किसान भाइयों को फसलों का उचित प्रबंधन करने में भारी चुनौतियों का सामना पड़ रहा है. सिरमौर जिला में कृषि कृषि विभाग में स्टाफ का विवरण इस प्रकार है:-
१. शिलाई ब्लॉक में विषय विशेषज्ञ यानी SMS का एकमात्र पद खाली पड़ा है और कृषि विकास अधिकारी के भी दोनों ही पद खाली पड़े हैं। कृषि विस्तार अधिकारी के भी कुल 6 पदों में से 4 पद खाली पड़े हैं।
२. पाँवटा ब्लॉक में भी विषय विशेषज्ञ (SMS) का एकमात्र पद खाली पड़ा है और कृषि विकास अधिकारी ADO के भी दोनों पद खाली पड़े हैं! इसके अलावा कृषि प्रसार अधिकारी AEO के भी 6 में से 3 पद खाली पड़े हैं । पूरे पोंटा ब्लॉक में सिर्फ एक कृषि प्रसार अधिकारी (AEO) ही व्यावहारिक तौर पर किसानों की समस्याओं का समाधान करने के लिए उपलब्ध है, बाकी दोनों AEO को विभाग ने अन्य कामों में लगा रखा है।
३. जिला मुख्यालय नाहन ब्लॉक भी वर्तमान मे स्टाफ की भारी कमी से जूझ रहा है वहाँ पर कृषि विकास अधिकारी ADO के दोनों पद खाली पड़े हैं। कृषि प्रसार अधिकारी के 6 में से 3 पद खाली पड़े हैं।
४. संगड़ाह ब्लॉक : में भी विषय विशेषज्ञ का एकमात्र पद भी खाली पड़ा है और कृषि विकास अधिकारी एडीओ के भी दोनों पद खाली पड़े हैं । और कृषि प्रसार अधिकारी AEO के 6 में से 4 पद खाली पड़े हैं।
५. पच्छाद ब्लॉक में भी कृषि विकास अधिकारी ADO के दोनों पद खाली पड़े हैं।
भारतीय किसान यूनियन जिला सिरमौर उपाध्यक्ष इंद्र सिंह राणा का कहना है कि हिमाचल प्रदेश सरकार व कृषि विभाग किसानों की परेशानियों को देखते हुए कृषि विभाग में खाली पड़े इन अत्यंत महत्वपूर्ण पदों को शीघ्र अति शीघ्र भरने की मांग की है। वर्तमान समय में जबकि किसान भिन्न-भिन्न फसलों का उचित प्रबंधन के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों के परामर्श व सहयोग की आवश्यकता है तब विभाग के पास 90% स्टाफ खाली पड़ा है जोकि अत्यंत चिंता का विषय है।