नाहन (हिमाचलवार्ता)। हाटी समिति पांवटा साहिब की बैठक विश्रामगृह में आयोजित की गई , जिसमें सर्वसमिति से फैसला लिया गया की यदि अभी भी सरकार ने उनकी मांगें नही मानी तो उन्हें मजबूरन आंदोलन करने को विवश होना पड़ेगा।
बैठक में समिति के अध्यक्ष ओम प्रकाश चौहान ने बताया कि हाटी क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित करवाने की मांग को लेकर जल्द ही प्रदेश और केंद्र सरकार को पत्र भेजे जाएंगे।
उन्होंने कहा कि इस मामले को लगभग पांच दशकों से लटकाया जा रहा है, जो कि इस क्षेत्र के लोगों के अधिकारों का हनन है। उन्होंने कहा कि अब क्षेत्र का युवा उग्र आंदोलन पर विचार कर रहा है।
यदि राज्य और केंद्र सरकार ने जल्द प्रभावी कदम नहीं उठाए तो क्षेत्र में उग्र आंदोलन और अनशन शुरू हो सकता है। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि 25 दिसंबर को हाटी क्षेत्र की सभी 144 पंचायतों में हाटी की बैठकें आयोजित होगीं। हाटी की पंचायत स्तर की बैठकों में मांग को लेकर प्रस्ताव पास किए जाएंगे।
सभी 144 पंचायतों के प्रस्ताव प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भेजे जाएंगे। पंचायत स्तर की खुमलियों से पहले आंज भोज पंचायत की समितियों के अध्यक्षों और महासचिवों की 19 दिसंबर को राजपुर में बैठक होगी।
जिसमें आगामी रणनीति का प्रारूप तैयार किया जाएगा। बैठक में यह भी प्रस्ताव पारित किया गया है कि यदि सरकार समय रहते क्षेत्र के लोगों की मांग को पूरा नहीं करती तो लोग विवश होकर सड़कों से संसद तक प्रदर्शन को मजबूर होंगे।
हाटी समिति के सदस्यों ने स्पष्ट किया कि आंदोलन पूर्ण रूप से गैर राजनीतिक होगा और आंदोलन में राजनीतिक हस्तक्षेप भी कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बैठक में समिति के महासचिव गुमान सिंह वर्मा, कुंदन सिंह, अनिल ठाकुर, ब्रह्मानंद शर्मा, जगत तोमर, बलबीर सिंह, पूर्ण ठाकुर, राजेंद्र नेगी और पूर्ण तोमर आदि ने भाग लिया।