13 जनवरी {हिमाचलवार्ता न्यूज़}:-भारत बायोटेक – ओमिक्रोन और डेल्टा वेरिएंट् कोवैक्सीन की बूस्टर डोज़ शुरूआती दो डोज़ के छह महीने बाद दी गई ,उनमें सार्स-कोवी-2 के ओमिक्रोन और डेल्टा वेरिएंट्स के खिलाफ प्रतिरक्षा क्षमता बनती नजर आई.
देश में जानलेवा कोरोना वायरस अब बेकाबू हो रहा है. इस बीच भारत बायोटेक ने दावा किया है कि एक अध्ययन से यह पता चला है कि कोवैक्सीन की बूस्टर डोज़ में कोरोना के ओमिक्रोन और डेल्टा वेरिएंट्स से संक्रमण को रोकने की क्षमता है.
अध्ययन में क्या सामने आया?
भारत बायोटेक ने एक बयान में कहा कि एमोरी यूनिवर्सिटी में किये गये अध्ययन में यह प्रदर्शित हुआ है कि जिन लोगों को कोवैक्सीन (बीबीवी152) की बूस्टर डोज़ शुरूआती दो डोज़ के छह महीने बाद दी गई ,उनमें सार्स-कोवी-2 के ओमिक्रोन और डेल्टा वेरिएंट्स के खिलाफ प्रतिरक्षा क्षमता बनती नजर आई.
दुनियाभर में बढ़ते ओमिक्रोन से चिंता
प्रयोगशाला विश्लेषण का नेतृत्व करने वाले एमोरी वक्सीन सेंटर के सहायक प्राध्यापक मेहुल सुथार ने कहा, ‘‘ विश्व भर में ओमिक्रोन ने एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता पैदा की है. प्राथमिक विश्लेषण से प्राप्त डेटा से प्रदर्शित होता है कि कोवैक्सीन की बूस्टर डोज़ लेने वाले व्यक्ति में ओमिक्रोन और डेल्टा वेरिएंट्स के खिलाफ एक महत्वपूर्ण प्रतिरक्षा क्षमता पैदा हुई.’’
उन्होंने कहा, ‘‘इन नतीजों से यह पता चलता है कि बूस्टर डोज़ में रोग की गंभीरता और अस्पताल में भर्ती होने की संभावना को घटाने की क्षमता है.’’ भारत बायोटेक के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कृष्णा एल्ला ने कहा कि कंपनी निरंतर नवोन्मेष कर रही है और कोवैक्सीन उत्पाद को बेहतर बना रही है.