नाहन संजय सिंह 15 जनवरी (हिमाचलवार्ता न्यूज़ ) :- एक तरफ़ तो हिमाचल प्रदेश सरकार और पुलिस राज्य में पुलिस मित्र का स्लोगन देती है। वहीं इसी नारे के तहत पुलिस प्रशासन द्वारा पूरे हिमाचल प्रदेश में पुलिस सामुदायिक योजना आरंभ की गई है।
जिसका मुख्य उद्देश्य जनता और पुलिस के बीच सामंजस्य बनाना है ताकि जनता के बीच पुलिस का भय खत्म हो और आपराधिक वारदातों पर अंकुश लगाया जा सके। दूसरी ओर गुरु की नगरी पांवटा साहिब में पुलिस का एक विवादित चेहरा सामने आया है जिससे देव भूमि हिमाचल की पुलिस की पूरे प्रदेश में किरकिरी हुई है।
गुरु की नगरी पांवटा साहिब में पुलिस द्वारा शुक्रवार देर शाम को एक व्यापारी का न वन्केवल चालान काटा बल्कि उसे चालान काटने के बावजूद भी दुकान से घसीट कर बाहर निकाला , जबकि दुकानदार के बच्चे और परिजन गिड़गिड़ाते रहे , लेकिन पुलिस ने उनकी एक न सुनी और व्यापारी को घसीट कर सड़क में लाया जिससे स्थानीय लोगों और व्यापारियों में भारी रोष है या यूं कहें कि गुरु की नगरी पांवटा साहिब में एक बार फिर पुलिस की दबंगई सामने आई है जिससे देव भूमि हिमाचल शर्मसार हुई।
जानकारी के मुताबिक उपमंडल पांवटा साहिब में पुलिस की दादागिरी तब सामने आया जब एक पुलिस कर्मी ने देर सांय दूध बेच रहे डेयरी संचालक को महिलाओं और बच्चों के सामने घसीटकर बाहर निकाला। हुआ यूं कि डीसी सिरमौर के आदेशानुसार निर्धारित समय सीमा के बाद पुलिस टीम बाजार के निरीक्षण के लिए गश्त पर थी।
इसी दौरान बस स्टैंड के नजदीक पाल डायरी पर दुकानदार कुछ ग्राहकों को दूध आदि दे रहा था। तभी पुलिस टीम वहां पहुंच गई। पुलिस ने उसे दुकान बंद करने को कहा तो उसने उपस्थित ग्राहकों को समान दे देने तक रुकने का आग्रह किया। लेकिन इस बात पर पुलिस और व्यापारी में कहासुनी हो गई।
पुलिस टीम ने नियमों का उल्लंघन करने पर उसका चालान काट दिया , लेकिन बात यहीं ख़त्म नहीं हुई। इसके बाद गुस्साए पुलिस कर्मी ने दुकान पर मौजूद महिला और बच्चे के समक्ष दुकानदार को गर्दन से पकड़ कर घसीट कर बाहर निकाला। इस दौरान महिला और बच्चे पुलिस के समक्ष गिड़गिड़ाते रहे। देखते ही देखते वहां काफी भीड़ एकत्रित हो गई और कुछ लोगों ने पूरे घटना क्रम का वीडियो बना लिया। वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो गया हैं।
जिससे पुलिस विभाग की किरकिरी हो रही है। उधर पुलिस के इस व्यवहार का व्यापारियों में कड़ा रोष है। व्यापारियों का कहना है कि मजदूर और फैक्ट्रियों में काम करने वाले कर्मचारी शाम को छह बजे के बाद ही बाजार आ पाते हैं। जबकि बाजार बंद करने के आदेश दिए गए हैं। डेयरी में दूध आदि सामान को बेचने के समय सीमा अधिकतम एक दिन होती है।
ऐसे में डेयरी संचालक क्या करें। व्यापार मंडल के अध्यक्ष अनिंदर सिंह नॉटी ने इस बारे में कहा कि पुलिस का एक दुकानदार से अपराधियों जैसा व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण है।
इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, इसी कड़ी में एसडीएम विवेक महाजन के साथ बैठक हुई है और दूध, डेयरी, सब्जियों के दुकानों के खुलने का समय बदला जाए, ताकि फैक्ट्री व कम्पनी से आने वाले लोगों को भी दूध , दही जैसा जरूरत का सामान खरीदने का समय मिल सके। उधर, डीएसपी बीर बहादुर ने इस बारे में बताया कि पुलिस डीसी सिरमौर के आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित कर रही है। इस दुकानदार को पुलिस तीन दिन से लगातार चेतावनी दे रही थी।
जब बीती शाम पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो दुकानदार ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। फिर भी मामले की जांच की जाएगी। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हालांकि बीर बहादुर ने कहा कि जो अभद्र व्यवहार हुआ उसके लिए जांच की जाएगी व कानूनी स्तर पर कार्रवाई होगी, लेकिन अभी तक कोई जांच अधिकारी नियुक्त किया गया।
पुलिस का इस तरह का रवैया रहा तो कहीं न कहीं जनता के बीच इसका विपरीत असर भी हो सकता है। इस मामले में जनता का कहना यह भी है कि क्या पुलिस को पांवटा शहर की और दुकाने नजर नही आती हैं। यदि कार्रवाई ही करनी है तो सही स्तर पर करें, आधी दुकानें देर रात तक खुली रहती हैं।