नाहन संजय सिंह 20 जनवरी (हिमाचलवार्ता न्यूज़ ) :- जिस छ्ठे वेतन आयोग की सिफारिशों का राज्य के कर्मचारी बीते छः वर्षों से बेताबी से इंतजार कर रहे थे वह खोदा पहाड़ निकली चुहिया वाली बात निकली । प्रदेश सरकार द्वारा जिस प्रकार पंजाब के छठे वेतन आयोग को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया है वह बिल्कुल भी तर्कसंगत नहीं है जिसके चलते प्रदेश के करीब दो लाख कर्मचारी और एक लाख पैंनशर्ज हताश व निराश है । जिला कांग्रेस प्रवक्ता दिनेश आर्य ने वीरवार को जारी बयान में कहा कि राज्य सरकार को छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने में नामाक रही है । कहा कि यह सरकार कर्मचारी हितेषी नहंीं है ।
दिनेश आर्य ने बताया कि कर्मचारी किसी भी सरकार की रीढ़ मानी जाती है जिनके द्वारा प्रदेश के विकास में अहम भूमिका निभाई जाती हैं । बताया कि कर्मचारियों के साथ हो रहे न्याय को कांग्रेस सहन नहीं करेगी । उन्होने प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि पंजाब वेतन आयोग की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश में भी अक्षरशः लागू किया जाए ताकि कर्मचारियों को नए वेतनमान का लाभ मिल सके ।
दिनेश आर्य ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा पंजाब सरकार द्वारा जारी अधिसूचना को तोड़मरोड़ कर अधिसूचित किया गया है जिससे कर्मचारियों को लाभ मिलने की बजाय नुकसान हो रहा है जोकि प्रदेश के कर्मचारियों के साथ घोर अन्याय है । उन्होने बताया कि नए वेतनमान के लागू होने स कर्मचारियों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गयी है,जिससे कर्मचारियों को रिकवरी का भय सत्ता रहा है। उन्होने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा 20 जुलाई ,2020 के बाद नियुक्त हुए कर्मचारियों को केंद्रीय वेतनमान दिया गया है जबकि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में इसका कोई जिक्र नहीं है । उन्होने कहा कि सरकार को तीसरे फार्मूले 15℅ हाईक के विकल्प को भी खुला रखना चाहिए। वित्त विभाग द्वारा छठे वेतनमान निर्धारण में जो असमानता और विसंगतिया पैदा हुई है उन्हें तुरन्त प्रभाव से कर्मचारी हित मे सुधार करना चाहिए ताकि प्रदेश के लाखों शिक्षकों एवम कर्मचारियों को मॅहगाई के इस कठिन दौर में लाभ मिल सकें।
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Sunday, July 6