शिमला 01 फरवरी {हिमाचलवार्ता न्यूज़}:-मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कर्मचारियों की मांग पर इस तीसरे विकल्प की घोषणा हाल ही में पूर्ण राज्यत्व दिवस के अवसर पर की थी। चूंकि तीसरे विकल्प के ये नियम कैबिनेट की बैठक तक तैयार नहीं हो सके थे, इसलिए इन्हें आगे टाला गया है।
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य के कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान देने के तीसरे विकल्प के नियमों को मंजूरी नहीं मिल सकी है। बेसिक पे और महंगाई भत्ते में 15 फीसदी के बजाय एक अन्य विकल्प पर भी राज्य सरकार का वित्त विभाग मंत्रणा कर रहा है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कर्मचारियों की मांग पर इस तीसरे विकल्प की घोषणा हाल ही में पूर्ण राज्यत्व दिवस के अवसर पर की थी। चूंकि तीसरे विकल्प के ये नियम कैबिनेट की बैठक तक तैयार नहीं हो सके थे, इसलिए इन्हें आगे टाला गया है।
राज्य सरकार ने प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए इससे पहले 2.25 और 2.59 के गुणांक को बेसिक वेतन में गुना कर इससे बढ़ोतरी के दो विकल्प सुझाए थे। मगर कर्मचारियों का एक बड़ा वर्ग पंजाब सरकार की तर्ज पर तीसरा विकल्प देने की लगातार मांग उठा रहा था। सूत्रों के अनुसार इन दोनों गुणांकों से लिपिकों समेत सरकारी कर्मचारियों के कई वर्गों में तो रिकवरी करने की नौबत आ गई थी। इसी वजह से प्रदेश के कई कर्मचारी संगठन हाय-तौबा मचाने जुट गए थे। वे पंजाब सरकार की तर्ज पर 15 फीसदी बढ़ोतरी का विकल्प देने की मांग कर रहे थे।