नाहन10 फरवरी (हिमाचलवार्ता न्यूज़ ):- फर्जी आईजी बनकर कारोबारियों से 1.49 करोड़ रुपये की अवैध वसूली करने वाला आरोपी दवा कारोबारी निकला। उसकी पंचकूला में फार्मा यूनिट है। सूत्रों के अनुसार पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) की जांच में यह खुलासा हुआ है। हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले आरोपी विनय अग्रवाल का एक साल में 4 करोड़ रुपये का टर्नओवर है। फर्जी आईजी के साथी राजीव सेठी से भी एसआईटी ने लंबी पूछताछ की है। इस दौरान पुलिस को कई सबूत मिले हैं।
सेठी आरोपी अग्रवाल का दोस्त बताया जा रहा है। इसने ही कालाअंब में फर्जी आईजी को उद्योगपति जगवीर से मिलाया था। जांच एजेंसी इसमें मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल को भी देख रही है। अगर तथ्य सामने आते हैं तो यह मामला प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भी जा सकता है। एसआईटी यह भी देख रही है कि उद्योगपतियों ने जो आरोप लगाए हैं, वे कितने सही हैं?
इसे लेकर भी सीआईडी की एक टीम हरिद्वार, पंचकूला, कालाअंब, बद्दी में दबिश दे रही है। एसआईटी के पास आरोपी की संपत्तियों का ब्योरा आ गया है। अब फोन डिटेल की भी जांच की जा रही है। डीजीपी संजय कुंडू ने इस मामले की पड़ताल के लिए पुलिस अधीक्षक साइबर क्राइम रोहित मालपानी की अध्यक्षता में खास अफसरों की एसआईटी बनाई है। इसमें एसपी गौरव सिंह, एसपी वीरेंद्र कालिया, एएसपी साइबर क्राइम नरबीर सिंह राठौर, डीएसपी सीआईडी क्राइम मुकेश कुमार सहित दो इंस्पेक्टर, पांच सब इंस्पेक्टर और एक एएसआई शामिल किया है।
आरोपी विनय अग्रवाल का साथी राजीव सेठी गिरफ्तारी के डर से अंतरिम जमानत के लिए कोर्ट के चक्कर काट रहा है। इसका हरिद्वार में फार्मा यूनिट बताया जा रहा है। कारोबारी जगवीर की कालाअंब में चार फार्मा यूनिट बताई जा रही हैं। आरोपी ने जिन उद्योगपतियों से वसूली की है, उनको भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।