नाहन 15 अप्रैल (एसपी जैरथ) :- ( हिमाचलवार्ता न्यूज) बैसाखी पर्व के अवसर पर खालसा एड द्वारा देशभर में टर्बन अप कार्यक्रम की शुरुआत हुई। चार दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम के दौरान गुरुद्वारों में शीश नवाने जा रहे गैर सिखों को पगड़ी बांधी जा रही है। साथ ही सिख युवक युवतियों और बच्चों को पगड़ी का महत्व और इतिहास समझाया जा रहा है। देश भर में वैशाखी और संक्रांति का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। बैसाखी, धार्मिक पर्व के साथ साथ सिख इतिहास में खासा महत्व रखता है।
दशम पिता श्री गुरु गोविंद सिंह जी ने आनन्दपुर साहिब में 323 साल पहले खालसा पंथ की स्थापना की थी। साथ ही सरदारी, सरदार और पगड़ी का महत्व बताया था। वैशाखी के विशेष पर्व पर खालसा एड देशभर में टर्बन अप कार्यक्रम की शुरुआत की है। यह कार्यक्रम 14 अप्रैल से 17 अप्रैल तक देश के 35 शहरों में चलेगा। पांवटा साहिब में बैसाखी और खालसा पंथ की स्थापना के अवसर पर कार्यक्रम की शुरुआत हुई। खालसा पंथ के कार्यकर्ताओं ने पांवटा साहिब के मुख्य गुरुद्वारे के बाहर पंडाल लगाया।
इस पंडाल में खालसा एड के कार्यकर्ताओं ने बिना पगड़ी के गुरुद्वारे में जा रहे गैर सिखों को पगड़ी बांधी। सिख युवक युवतियों सूंदर दस्तार बंधना सिखाया और पगड़ी के महत्व के बारे में समझाया। यहां बच्चों में पगड़ी के प्रति खासा लगाव देखने को मिला। बच्चे पगड़ी से सज कर गुरु महाराज के चरणों में शीश नवाने पहुंचे। खालसा एड के कार्यकर्ताओं ने बताया कि आज युवाओं सरदार और सरदारी के साथ-साथ पगड़ी का महत्व समझाने की भी आवश्यकता है।
लिहाजा देशभर में पगड़ी का महत्व समझाने के लिए खालसा एड चार दिवसीय कार्यक्रम चलाएगा। गैर सिखों को सिर पर रुमाल रखकर दरबार साहब में ना जाना पड़े इसलिए भी उनको पगड़ी बांधी जा रही है।