नाहन 02 मई (एसपी जैरथ){हिमाचलवार्ता न्यूज़} :- हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश भर में जनमंच कार्यक्रम शुरू किए गए हैं जिसका मुख्य उद्देश्य घर द्वार पर लोगों की समस्या का समाधान करना है लेकिन जैसे-जैसे अब चुनावी समय नजदीक आ रहा है वैसे वैसे लोगों की रुचि जनमंच कार्यक्रम में कम हो रही है। आलम यह है कि कई स्थानों पर जनमंच कार्यक्रम केवल मात्र औपचारिकता रह गए हैं। यदि बात जिला सिरमौर की करें तो पहली मई यानी रविवार को रेणुका जी निर्वाचन क्षेत्र के बिरला में हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा जन मंच कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश सरकार के उद्योग मंत्री विक्रम ठाकुर पहुंचे थे हैरत की बात तो यह है कि इस कार्यक्रम में केवल मात्र 2 शिकायतें आई थी। प्रशासन के पास जनमंच कार्यक्रम के समाधान के लिए केवल मात्र 2 शिकायतें आने से साफ जाहिर होता है कि अब हिमाचल प्रदेश में जन मंच कार्यक्रम औपचारिकता मात्र रह गए हैं। भले ही प्रशासन द्वारा मंत्री महोदय के समक्ष मांगे और अन्य समस्याओं को भी मौके पर रखवाया गया जिसका समाधान करने का उद्योग मंत्री ने आश्वासन दिया और अधिकारियों को कहा कि जन मंच कार्यक्रम मैं भले ही शिकायतें कम आ रही हो लेकिन इसमें जो लोगों की अन्य समस्याएं हैं उनका समाधान जहां तक हो सके किया जाए।
इस बारे में जब यंगवार्ता ने उद्योग मंत्री विक्रम ठाकुर से पूछा कि हिमाचल प्रदेश में जन मंच कार्यक्रम केवल मात्र औपचारिकता रह गए हैं तो उन्होंने कहा कि इससे साफ जाहिर होता है कि हिमाचल प्रदेश के लोगों की कोई भी समस्या नहीं है। उनका कहना है कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा लोगों की समस्या का समाधान किया जा रहा है जिसका उदाहरण बिरला में आयोजित कार्यक्रम में देखने को मिला। जहां केवल मात्र 2 शिकायतें ही आई थी जानकारों का कहना है कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा जनमंच कार्यक्रम पर करीब दूर से दो से तीन लाख रुपये व्यय किये के जाते हैं।
यदि अधिकारियों का टीए और डीए मिला लिया जाए खर्च करीब 10 से 15 लाख रुपए एक जनमंच कार्यक्रम का बनता है। यदि सरकार इस प्रकार की एक या दो शिकायतों के लिए 10 से 15 लाख रुपए करें तो हिमाचल प्रदेश आर्थिक हालत बिगड़ना लाजमी है। मंत्री का तर्क था कि सरकार द्वारा लोगों की समस्याओं का समाधान किया गया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जयराम सरकार बेहतर कार्य कर रही है जिसके चलते लोगों की कोई भी शिकायत सरकार से नहीं है।