नाहन 28 मई (एसपी जैरथ) ( हिमाचल वार्ता न्यूज):- राष्ट्रीय राजमार्ग 707 पर कार्य कर रही एचईएस इन्फ्रा कम्पनी का डंपिंगयार्ड गिरने से कम्पनी की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है। एक जगह से मामला शांत होता नजर आता है तो दूसरी जगह कम्पनी द्वारा लगाई जा रही क्रेटवायर के गिरने की सूचनाएं आ रही है। इस बार एचईएस इंफ्रा कंपनी के डंपिंग यार्ड की क्रेटवायर नीव से नीचे खिसक कर गिर गई है। जिसके चलते लोगों में कंपनी के प्रति रोष व्याप्त है। वहीं राजमार्ग प्राधिकरण के इंजीनियरों की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लगने लाजिमी है।
जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय राजमार्ग 707 पर नायल खड्ड में बने डंपिंग यार्ड की क्रेटवायर अचानक गिर गई है। बताया जा रहा है कि डंपिंग यार्ड में क्रेटवायर का कार्य स्थानीय पेटी ठेकेदार को दिया गया था। पेटी ठेकेदार ने अतिरिक्त कमाई करने के चलते दीवार की नींव को बनाया ही नहीं था। दीवार का बेस नामात्र का बनाया था। दीवारों में स्टेपिंग सिस्टम का इस्तेमाल नहीं किया गया था। क्रेटवायर में जिस वायर का इस्तेमाल किया गया था। वह राजमार्ग प्राधिकरण नियमों के मुताबिक घटिया क्वालिटी की बताई जा रही है। क्रेटवायर के जाल को ढीला और गलत तरीके से बांधा गया था। जिससे दीवार के पत्थर वायर के जाल से बाहर निकल रहे थे। इसलिए थोड़ा वजन बढ़ने से डंपिंग यार्ड बिन बरसात गिर गया है।
इस वर्ष राजमार्ग प्राधिकरण ने लाखो मीट्रिक टन मलबा नायल खड्ड में फिकवा दिया है। साथ ही सुरक्षा के लिहाज से क्रैट वायर को केवल दिखावे के लिए लगाया जा रहा है। इसलिए यह डंपिंग यार्ड बरसात में भारी तबाही मचाने वाला है, इस बात को नकारा नहीं जा सकता है। ग्रामीणों ने बताया कि एचईएस इन्फ्रा कम्पनी की राजमार्ग प्राधिकरण में ऊँची पैठ है। आश्चर्य इस बात से हो रहा है कि एचईएस इंफ्रा कम्पनी के पेटी ठेकेदार सबको खरीदने की बातें करते नजर आते है। जिस ठेकेदार के पास नायल खड्ड वाले डंपिंग यार्ड को बनाने का कार्य दिया गया था।
उस पेटी ठेकेदार ने यहां तक बता दिया कि उनके घटिया कार्य की आवाज उठाने वाले सभी लोगों और एजेंसियों को खरीद लिया जाएगा। इसलिए खुलेआम मनमर्जी का कार्य किया जा रहा है और ऐसा ही कार्य होगा। यदि डंपिंग यार्ड के नीचे रह रहे हरी सिंह के परिवार की माने तो एचईएस इन्फ्रा कम्पनी ने घर के दोनो तरफ़ बेतरतीब मलबा फेंका है। आधा दर्जन से अधिक खेत सड़क के मलबे में दब गए है और जो जमीन बची है।
उसमे अधिकांश जगह मलबा फेंका गया है। घर के रास्तों को बंद किया गया है। बच्चों को स्कूल जाने के लिए रास्ता नहीं है। इसलिए मजबूरी में बच्चों से स्कूल छुड़वाना पड़ गया है। अब सवाल यह उठता है कि राजमार्ग प्राधिकरण भ्रष्टाचार में लिप्त होने के कारण कार्रवाई नहीं कर रहा होगा या प्राधिकरण के अधिकारी आपसी रिश्तेदारियाँ निभा रहे होंगे