नाहन (हिमाचल वार्ता न्यूज):- चंडीगढ़ पीजीआई में हाल ही में कालाअंब की निक्सी लैब में बने एनेस्थीसिया के इंजेक्शन से हुई मौत को लेकर प्रदेश ड्रग डिपार्टमेंट हाई अलर्ट पर आ गया है। इस घटना के बाद सीडीएससीओ तथा हिमाचल प्रदेश ड्रग डिपार्टमेंट के द्वारा शनिवार को ही कार्यवाही करते हुए एमएसजी सिया के इंजेक्शन सहित अन्य चार दवाओं के भी सैंपल ले लिए गए थे। सैंपल लिए जाने के बाद उन्हें कोलकाता लैब में भेज दिया गया है।
यही नहीं राज्य दवा नियंत्रक तथा सहायक दवा नियंत्रक के आदेशों के बाद इन सभी दवाओं को रिकॉल कर लिया गया है। यानी जब तक लैब से लिए गए सैंपल की रिपोर्ट नहीं आ जाती है तब तक यह प्रोडक्ट बाजार में बेचा नहीं जा सकता है। वही बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है कि जिस बैच की कथित दवा से पीजीआई के 5 पेशेंट्स की एक ही दिन में मौत हुई है उसी बैच के करीब 500 वाइल्स पहले भी मरीजों को दिए जा चुके हैं। ऑपरेशन के दौरान एनएसथीसिया में यह दवा सबसे बेहतर मानी जा रही थी। जिसको लेकर कुछ निजी अस्पतालों ने भी बड़ा संदेह व्यक्त किया है।
नाम न छापने की शर्त में इन बड़े सर्जेंस का कहना है कि यह दवा ऑपरेशन के दौरान उन्होंने कई बार अपने मरीजों को दी है मगर ऐसी कोई भी घटना नहीं हुई। ऐसे में दवा की आड़ में किसी बड़े षड्यंत्र का अंदेशा भी व्यक्त किया जा रहा है। असल में पीजीआई में जिस आपातकालीन दवा शॉप से यह इंजेक्शन लिया गया था यह दुकान बीते एक माह पहले नए वेंडर को ऑल आउट हुई थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार यह दुकान 1.53 करोड रुपए में ऑक्शन हुई थी। बताया यह भी जा रहा है कि इस नई अलॉटमेंट को लेकर मामला तूल भी पकड़ा था।
पुख्ता सूत्रों की माने तो पीजीआई के कुछ खास केमिस्ट के साथ डॉक्टरों की कमीशन भी बड़े स्तर पर सैट रहती है। ऐसे में सवाल यह भी उठ रहा है कि सेम बैच पहले कई मरीजों को दिया जा चुका है तो बाकी दवाओं से मौत कैसे हो गई। यहां यह भी जान लेना जरूरी है कि इस इंजेक्शन का जरा सा भी ओवरडोज दिया जाना मरीज को मौत की नींद सुला देता है। ऐसे में इलाज करने वाले चिकित्सकों के ऊपर भी सवालिया निशान खड़े होते हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच की भी जरूरत नजर आती है।
वही, राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मरवाह का कहना है कि यूटी दवा नियंत्रक तथा सीडीएससीओ की टीम ने पीजीआई से सैंपल ले लिए हैं। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि स्टेट ड्रग अथॉरिटी के द्वारा भी लैब से दवा के सैंपल ले लिए गए हैं। वहीं सहायक दवा नियंत्रक गरिमा ने खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि दवा के लैब से सैंपल लिए जाने के बाद बाजार में उपलब्ध इन दवाओं को रिकॉल करवा लिया गया है। उन्होंने कहा कि लैब की रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा कि असल मामला क्या है।