राजगढ़ हिमाचल वार्ता न्यूज) (लक्ष्य शर्मा) :- करीब डेढ माह बीत जाने पर भी सनौरा-नेरीपुल रोड़ की टारिंग की उच्च स्तरीय जांच करने के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा कोई कमेटी गठित नहीं की गई है । जिससे प्रतीत होता है कि यह जांच राजनैतिक दबाव के चलते घोषणा तक सीमित रह गई है। जिस बारे लोगों ने लोक निर्माण विभाग की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े किए गए है ।
बता दें कि बीते दो सितंबर को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पझौता घाटी के रोहड़ी प्रवास के दौरान सनौरा नेरीपुल सड़क की टारिंग तीन महीने में उखड़ जाने पर उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए थे जोकि डेढ माह बीत जाने के उपरांत भी प्रभावी नहीं हो पाए है जिससे लोगों में रोष व्याप्त है । गौर रहे कि रोहड़ी की जनसभा में यह मुददा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप द्वारा अपने संबोधन में उठाया गया था । जिस पर सीएम ने हामी भरते हुए लोक निर्माण विभाग को निष्पक्ष जांच करने के आदेश दिए गए थे ।
गौर रहे कि सनौरा-नेरीपुल रोड़ की बीते अप्रैल मई माह के दौरान टारिंग की गई थी जोकि तीन माह बाद जुलाई की पहली बरसात मेें उखड गई थी और सड़क गडडों में तबदील हो गई थी । लोग इसे विभाग की बहुत बड़ी लापरवाही मान रही है । अधीशासी अभिंयंता राजगढ़ नरेन्द्र वर्मा ने बताया कि डीपीआर गलत बनाई गई थी जिसके चलते सड़क की टारिंग उखड़ गई है । इस रोड़ पर चलने वाले 27 व तीस टन वाले ट्राॅला के अनुरूप टारिंग नहीं की गई है । यह टारिग केवल नौ टन भार को देखते हुए की गई थी । सवाल यह उठता है कि क्या विभाग इस बात से अनभिज्ञ है कि इस रोड़ के माध्यम से बीते चार दशकों से अपर शिमला का सेब बड़े ट्रकों व ट्राला के माध्यम से देश की विभिन्न मंडियों तक पहूंच रहा है । विभाग को रोड़ की स्थिति के अनुसार डीपीआर तैयार करनी चाहिए थी । विभाग की लापरवाही के चलते सरकार को 46 करोड़ की चपत लग गई है।
दरअसल तीन जिला को जोड़ने वाली इस सड़क के सुधारीकरण व पक्का करने पर प्रदेश सरकार ने 46 करोड़ की राशि व्यय स्वीकृत की गई है। जिसकी डीपीआर पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बनाई गई थी और इसे वर्तमान सरकार द्वारा स्वीकृत किया गया था । विभागीय सूत्रों के अनुसार इस 85 किलोमीटर लंबी इस सड़क का 42 किमी हिस्सा राजगढ़ डिवीजन के अधीन आता है । शेष 43 किलोमीटर हिस्सा ठियोग, सोलन और कसौली डिविजन के अधीन आता है । विभाग द्वारा इस कार्य को जुलाई 2020 को अवार्ड किया गया है । आगामी वर्ष 2025 तक इस कार्य को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है । बता दें कि कंपनी द्वारा बरसात के कारण टूटी सड़कों के जख्मों को अब पैच लगाकर भरा जा रहा है अर्थात इससे ज्यादा सड़क की दुगर्ति होगी कि तीन माह बाद पैच लगाने की नौबत आ गई ।
एसई लोक निर्माण विभाग वृत नाहन से जब बारे बात की गई । उन्होने बताया कि सनौरा नेरीपुल छैला रोड़ का कार्य पीकेसी कंपनी को वर्ष 2025 तक अवार्ड किया गया है जिनके द्वारा इस रोड़ पर पैचवर्क करके दुरूस्त किया जा रहा है । उन्होने रोड़ की टारिंग की उच्च स्तरीय जांच बारे कुछ भी नहीं कहा ।
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Tuesday, May 13