नाहन ( हिमाचल वार्ता न्यूज) (एसपी जैरथ) :- मिशन रिपीट की बड़ी चुनौती के साथ भाजपा की टिकटों पर माथापच्ची एक बड़े बदलाव का संकेत दे रही है। अब अगर किए जा रहे टिकटों के हेरफेर में प्रत्याशी के पक्ष में मंडलो की कराई गई वोटिंग का विश्लेषण किया जाए तो यह फार्मूला कई मायनों में कामयाब नजर आता है। ऐसे में जो उच्च पदस्थ गुप्त सूत्रों से जानकारी मिली है उसमें जो बदलाव के संकेत मिल रहे हैं निश्चित तौर पर उसे सही फैसला भी कहा जा सकता है। ऐसा इसलिए भी कहा जा सकता है कि कई ऐसे प्रत्याशी हैं जिनके पक्ष में संबंधित विधानसभा क्षेत्र का कार्यकर्ता और पदाधिकारी है ही नहीं।कहा जा सकता है संबंधित विधानसभा क्षेत्र में अब भाजपा अपने कंधे पर नहीं बल्कि मंडल के कंधे पर रखकर बंदूक दागने की तैयारी में है। प्राप्त जानकारी के अनुसार यदि सोलन की बात की जाए तो इस सीट पर महिला प्रत्याशी भाजपा की ओर से उतारी जा सकती है। यहां से राजेश कश्यप के नाम पर जो भाजपा दो घरों में बैठी हुई थी वह महिला के नाम पर एकजुट नजर आती है। वही शिमला की सीट पर मंत्री महोदय के टिकट पर भी तलवार लटकती नज़र आती है।सिरमौर की पच्छाद विधानसभा सीट की बात की जाए, तो यहां से बलदेव कश्यप को टिकट मिलना लगभग तय माना जा रहा है। इसके पीछे बड़ी वजह संगठन को एकजुटता के साथ आगे ले जाना माना जा रहा है। बलदेव कश्यप बहुत लंबे अरसे से टिकट की दावेदारी करते आ रहे हैं। यही नहीं यहां का मंडल कार्यकर्ता सहित करीब दो दर्जन से अधिक पंचायत भी सीधे-सीधे बलदेव कश्यप के साथ जुड़ी हुई है। हालांकि रीना कश्यप जो सिटिंग एमएलए हैं उनको अपने विधानसभा क्षेत्र में काम करने के लिए काफी कम समय मिला।बावजूद इसके जीती हुई विधायक को किए गए कार्यों का श्रेय दिलाने में भी संगठन काफी कमजोर नजर आया। सराहां क्षेत्र में रीना कश्यप को जहां डबल मेहनत करनी पड़ती है, वहीं बलदेव कश्यप दोनों उप मंडलों में बैलेंस स्थिति में है। जाहिर है हाईकमान के पास इस विधानसभा क्षेत्र का पूरा विश्लेषण जा चुका होगा। संभवत इसी वजह से पार्टी की गुटबाजी को खत्म करते हुए बलदेव कश्यप के नाम पर अंतिम मुहर लगनी लगभग तय है। बलदेव कश्यप को टिकट दिए जाने पर कांग्रेस की संभावित प्रत्याशी दयाल प्यारी को काफी नुक्सान भी होगा।ऐसा इसलिए भी कहा जा सकता है क्योंकि रीना कश्यप के मैदान में होने पर भाजपा का बढ़ा नाराज वर्ग दयाल प्यारी को सपोर्ट कर रहा था। मगर बलदेव कश्यप के नाम की चर्चा के बाद भाजपा के कार्यकर्ताओं में भी उत्साह नजर आ रहा है। यही नहीं कांग्रेस के कद्दावर नेता जीआर मुसाफिर को यदि टिकट नहीं मिलता है तो निश्चित रूप पर अगर वह आजाद उम्मीदवार के तौर पर खड़े नहीं होते हैं तो वह बलदेव कश्यप को अंदर खाते समर्थन भी दे सकते हैं। उधर, कसौली विधानसभा सीट पर भी टिकट बदलाव के संकेत मिले है।
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Thursday, May 15