मंडी ( हिमाचल वार्ता न्यूज़ ) कुछ ऐसी ही शिव की शक्ति इन दिनों छोटी काशी से पूरी दुनिया देख रही है। मंडी शहर से समेत पूरे जिला में भयंकर बरसाती बाढ़ ने कहर बरपाते हुए अरबों रुपए की संपत्ति को बहा दिया, लेकिन एक सेकेंड में दो लाख क्यूसिक पानी ले जाने वाली बाढ़ मंडी शहर के पंचवक्त्र महादेव मंदिर का बाल बांका न कर पाई। 28 सालों बाद ब्यास नदी ने जब एक बार फिर से रूद्र रूप धारण किया, तो मंडी में हालात बद से बदतर हो गए। 48 घंटे से ज्यादा बरसी इस आफत की बारिश से जहां सभी नदी नाले उफान पर थे तो वहीं खतरे के निशान से कहीं ऊपर जाकर बह रही ब्यास अपने साथ सब कुछ बहा कर ले गई, लेकिन ब्यास के तांडव के बीच मंडी शहर में सुकेती और ब्यास के संगम पर बने पंचवक्त्र मंदिर को आंच भी नहीं आई है। यह मंदिर आधे से ज्यादा ब्यास नदी में डूब गया था और इसका ऊपर का ही हिस्सा डूबने से बचा था। करीब दो लाख क्यूसिक पर सेकंड पानी पंडोह डैम से छोड़े जाने के बावजूद ब्यास नदी में उठी लहरें पंचवक्त्र का कोई नुकसान नहीं कर पाई।
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Sunday, May 11