करनाल ( हिमाचल वार्ता न्यूज़ ) पंजाब और हरियाणा के किसान संगठन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए सरकारों द्वारा की गई घोषणाओं से सहमत नहीं है। किसान नेताओं ने सरकार की घोषणाओं को ऊंट के मुंह में जीरे के समान बताया है। बैठक में एलान किया गया कि अगर सरकार किसान संगठनों की सिफारिश के अनुसार घोषणाएं नहीं करती तो 22 अगस्त को दोनों राज्यों के किसान चंडीगढ़ कूच करेंगे। मोहाली में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश के किसान संगठनों की संयुक्त बैठक हुई। हरियाणा से भारतीय किसान यूनियन सर छोटूराम के प्रवक्ता बहादुर मेहला बलड़ी और कोर कमेटी सदस्य जगदीप ओलख शामिल हुए। मीटिंग में बाढ़ से प्रभावित किसानों की मदद करने और उनकी समस्याओं का हल करवाने पर मंथन हुआ।भाकियू सर छोटूराम के प्रवक्ता बहादुर मेहला ने कहा कि उत्तर भारत के बाढग़्रस्त अलग-अलग राज्यों में तबाही हुई, जिससे किसानों की करोड़ों एकड फसल बर्बाद होगी चुकी है। कई किसान मौत का शिकार हो गए। सभी किसान संगठनों ने मांग की केंद्र सरकार सभी किसान और मज़दूरों के लिए राहत पैकेज जारी करे। सभी नदियों के बांधों को चौड़ा और मजबूत किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि घग्गर नदी का बांध हाई कोर्ट के ऑर्डर जो पास हुआ है ,उसके तहत हरियाणा और पंजाब सरकार जल्द से जल्द काम शुरू करे। राज्य सरकारें किसानों के खराब हुई ट्यूबवेल पूरा खर्चा दिया जाए और गरीब मजदूर के घरों की मरम्मत के लिए पांच लाख रुपए राहत राशि जारी करे। उन पशु पालकों को एक लाख रुपए दिए जाएं, जिनका पशु बाढ़ से मौत का ग्रास बन गया। किसानों को 50 हजार रुपए प्रति एकड मुआवज़ा दिया जाए। बाढ़ के कारण जान गंवाने वालों के परिवारों को 10 लाख रुपए मुआवजा दिया जाए।
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Friday, May 9