हमीरपुर ( हिमाचल वार्ता न्यूज़ ) एनआईटी हमीरपुर में चल रहे आर्किटेक्चर डिग्री कोर्स के लिए भारतीय आर्किटेक्चर काउंसिल से मान्यता नहीं है। यहां लंबे समय से बिना काउंसिल की अनुमति लिए आर्किटेक्चर की पढ़ाई हो रही है। इस बात का खुलासा तब हुआ जब इस साल कुछ विद्यार्थी संस्थान से अपनी आर्किटेक्चर की डिग्री पूरी करने के बाद प्रैक्टिस करने लगे। डिग्री कोर्स के बाद अपनी प्रैक्टिस करने के लिए काउंसिल से लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है। काउंसिल से लाइसेंस उसी शर्त में मिलता है, जब संस्थान को काउंसिल की मान्यता प्राप्त हो। संस्थान में दाखिला लेने के बाद प्रत्येक विद्यार्थी को एक पंजीकरण नंबर आवंटित होता है। डिग्री पूरी करने के बाद इसी नंबर के आधार पर वह आर्किटेक्चर काउंसिल में लाइसेंस के लिए आवेदन करता है। ऐसे में एनआईटी हमीरपुर में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। एनआईटी में वर्ष 2010-11 से आर्किटेक्चर का डिग्री कोर्स शुरू हुआ है। वर्तमान में यहां आर्किटेक्चर विभाग में करीब 58 सीटें सृजित हैं। देशभर से विद्यार्थी यहां आर्किटेक्चर की पढ़ाई कर रहे हैं। स्नातक के साथ ही यहां पर स्नातकोत्तर की पढ़ाई भी हो रही है, लेकिन संस्थान ने अभी तक आर्किटेक्चर काउंसिल से मान्यता ही हासिल नहीं की। दरअसल, देशभर के सभी आर्किटेक्चर संस्थानों को हर साल काउंसिल से मान्यता नवीनीकरण के लिए आवेदन करना होता है। आवेदन करने के बाद काउंसिल से विशेषज्ञों की एक टीम संस्थान में मूलभूत सुविधाओं को जांचने के लिए निरीक्षण करती है। निर्धारित शर्तों को पूरा करने के बाद ही मान्यता मिलती और संस्थानों मान्यता का नवीनीकरण होता है। एनआईटी हमीरपुर से बड़ी चूक कैसे हो गई, यह बड़ा सवाल है। एनआईटी हमीरपुर के निदेशक प्रो. एचएम सूर्यवंशी ने कहा कि मामला ध्यान में है। संस्थान की ओर से मंत्रालय के माध्यम से आर्किटेक्चर काउंसिल में मान्यता के लिए आवेदन कर दिया गया है। जल्द ही समस्या का समाधान हो जाएगा।
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Sunday, May 11