शिमला ( हिमाचलवार्ता न्यूज़ ) हिमाचल प्रदेश के मंत्रियों और अफसरों के देश-विदेश के दौरों पर हुए खर्च का पाई-पाई का हिसाब जनता को देना होगा। सरकारी विभागों को सबसे साझा करना होगा कि इन्होंने ऐसी यात्राओं पर कितना बजट खर्च किया और राज्य को क्या लाभ हुआ। राज्य सूचना आयोग ने सख्ती दिखाते हुए छह महीने के अंदर विभागों को यह जानकारी स्वत: संज्ञान आधार पर सार्वजनिक करने के लिए कहा है। सरकारी महकमे यह जानकारी अपनी वेबसाइट पर डालेंगे। उन्हें यह भी विवरण देना होगा कि मंत्री और अफसर किन-किन स्थलों का दौरा करके आए। कितने लोग देश-विदेश जाने वाले प्रतिनिधिमंडलों में शामिल थे। राज्य सरकार के सचिव प्रशासनिक सुधार सी पाल रासू ने इस संबंध में सभी प्रशासनिक अधिकारियों और विभागाध्यक्षों को एक पत्र भेजा है। इसमें उन्होंने राज्य मुख्य सूचना आयुक्त आरडी धीमान से आए आदेश का हवाला दिया है, जिसमें भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से आरटीआई एक्ट 2005 की धारा-4 के बारे में जारी दिशा-निर्देश स्पष्ट किए गए हैं, जो सर्वोच्च न्यायालय के एक फैसले के बाद जारी हुए हैं।
किशन चंद जैन बनाम भारत सरकार मामले में आए फैसले का भी उल्लेख किया है, जिसमें प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों के अलावा केंद्र सरकार में संयुक्त सचिव स्तर और इससे ऊपर के अधिकारियों का देश-विदेश दौरे का ब्योरा साझा करना अनिवार्य है। राज्य मुख्य सूचना आयुक्त ने सचिव प्रशासनिक सुधार को यह व्यवस्था छह माह में लागू करने की बात कही है। इसके बाद अनुपालना रिपोर्ट भी मांगी है।
वीरभद्र सरकार के बागवानी मंत्री से हो चुकी है रिकवरी
वीरभद्र सरकार के दौरान तत्कालीन बागवानी मंत्री सिंघी राम का विदेश दौरा विवादित रह चुका है। विजिलेंस ब्यूरो ने तो जांच तक बैठा दी थी। इसके बाद जयराम सरकार ने पूर्व बागवानी मंत्री से लाखों की रिकवरी भी की थी।
सुक्खू सरकार के दो मंत्री जा चुके हैं विदेश दौरे पर
सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकार के दो मंत्री भी विभागीय कार्यों से विदेश गए थे। कुछ अधिकारी भी गए थे। यह जानकारी भी सरकार की वेबसाइट पर देनी होगी।