Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Breakng
    • उपायुक्त ने शिलांजी पंचायत के वार्ड सदस्य को अयोग्य करार देते हुए निष्कासित कर रिक्त घोषित किया पद
    • पांवटा साहिब में चोरी के दो आरोपियों को सजा
    • मेघा जागरूकता शिविर आगामी आदेशों तक स्थगित-श्रम कल्याण अधिकारी
    • कर्मचारी से मारपीट पर भाजपा ने मंत्री अनिरुद्ध सिंह को बर्खास्त करने की करी मांग
    • उपायुक्त ने बरसात में अप्रिय घटनाओं से बचाव के लिए जारी किए आवश्यक दिशा निर्देश
    • अढाई साल में सरकार ने लिया 33 हजार करोड़ का कर्ज , अब फिर से 1200 करोड़ का ऋण लेने जा रही सरकार : सुरेश कश्यप
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Himachal Varta
    • होम पेज
    • हिमाचल प्रदेश
      • शिमला
      • सिरमौर
      • ऊना
      • चंबा
      • लाहौल स्पीति
      • बिलासपुर
      • मंडी
      • सोलन
      • कुल्लू
      • हमीरपुर
      • किन्नोर
      • कांगड़ा
    • खेल
    • स्वास्थ्य
    • चण्डीगढ़
    • क्राइम
    • दुर्घटनाएं
    • पंजाब
    • आस्था
    • देश
    • हरियाणा
    • राजनैतिक
    Friday, July 4
    Himachal Varta
    Home»हिमाचल प्रदेश»सिरमौर»निजी अस्पतालों को हिम केयर सुविधा विज्ञापन के साथ लिखनी होंगी शर्तें भी- सीएमओ
    सिरमौर

    निजी अस्पतालों को हिम केयर सुविधा विज्ञापन के साथ लिखनी होंगी शर्तें भी- सीएमओ

    By Himachal VartaNovember 19, 2023
    Facebook WhatsApp

    नाहन( हिमाचल वार्ता न्यूज) (एसपी जैरथ):– जिला सिरमौर में हिम केयर कार्ड पर स्वास्थ्य सुविधा देने वाले निजी अस्पतालों के लिए सीएमओ के द्वारा एक बड़ी सूचना जारी की गई है। निजी अस्पतालों को हिम केयर कार्ड पर निशुल्क इलाज के विज्ञापन बोर्ड पर अन्य शर्तों को भी लिखना जरूरी कर दिया गया है। ऐसा किया जाना भ्रामक विज्ञापन प्रचार पर लगाम लगाने के लिए आवश्यक समझा गया है।असल में इसकी जरूरत तब महसूस की गई जब साईं मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में विक्रम बाग के कथित भ्रमिक बोर्ड पर पेशेंट के परिजन ने आपत्ति जताई थी। हिम केयर कार्ड के बावजूद मृतक पेशेंट के भाई सुभाष पंडित के परिजनों को हिम केयर के अधूरे बोर्ड पर पैसे भुगतान का शिकार होना पड़ा। मृतक पेशेंट के भाई सुभाष पंडित का कहना है कि उन्होंने निशुल्क के इलाज के हिम केयर बोर्ड को देखकर अपने भाई को श्री साईं अस्पताल नाहन में एडमिट करवा दिया था।उन्होंने बताया कि इस अस्पताल प्रबंधन ने पेशेंट के एडमिट होते ही उनसे हिम केयर कार्ड ले लिया गया था। उन्होंने बताया कि पेशेंट को 3 नवंबर को एडमिट किया गया था जबकि अत्यधिक नाजुक हालत में पेशेंट की तीन नवंबर को ही मृत्यु भी हो गई। बावजूद इसके रोगी की मृत्यु के बाद अस्पताल के द्वारा दवाइयां के पैसे भी वसूले गए और इलाज के पैसे भी लिए गए। परिजनों का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन के द्वारा भ्रामक बोर्ड से हमें निशुल्क इलाज के लिए कार्ड पर अट्रैक्ट किया गया।बाद में 24 घंटे एडमिट ना रह पाने का हवाला देकर कार्ड को निष्क्रिय माना गया। परिजनों का आरोप है कि यदि उनके बस में मृत्यु को रोकना होता तो वह अपने पेशेंट को अस्पताल में लेकर ही क्यों आते। उन्होंने कहा कि वह अपने पेशेंट को सरकारी अस्पताल लेकर जा रहे थे मगर बोर्ड पर कार्ड की बाबत देखकर वह साईं मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में गए थे। मृतक के भाई सुभाष शर्मा का कहना है कि जो बोर्ड साईं अस्पताल के द्वारा लगाया गया था उसके आसपास कहीं भी कोई शर्तें नहीं थी।ऐसे में हिम केयर कार्ड के भ्रामक अधूरे बोर्ड पर उन्हें छला गया है। उन्होंने कहा कि इस अस्पताल में कई ऐसे क्रियाकलाप हैं जो संदेश पैदा करते हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जब उनका पेशेंट एडमिट हुआ था तो दवाइयां के पर्चे में उन्होंने ग्लव्स के लिए लिखा। उन्होंने कहा कि जो इनका अपना अस्पताल का दवा खाना है वहां उन्होंने जबरन 100 ग्लव्स दिए गए। जब उन्होंने इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि हमारे पास 100 ग्लव्स का ही बंडल आता है। जबकि सरकारी अस्पताल के आसपास की दुकानों पर चाहे आप दो ग्लव्स चाहे 10 कोई लाजमी नहीं होता है।ऐसे में बाकी ग्लव्स का अस्पताल क्या करता होगा इस पर उन्होंने सवाल यह निशान लगाया है। वहीं जब इस बाबत जब सीएमओ जिला सिरमौर अजय पाठक से बात की गई तो उन्होंने यह तो माना कि 24 घंटे तक पेशेंट का एडमिट होना जरूरी होता है। मगर हिम केयर अथवा आयुष्मान भारत के प्रचार बोर्ड पर शर्तें भी लिखी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनके द्वार बोर्ड पर किस कंडीशन में यह कार्ड मान्य होगा यह शर्तें भी लिखना जरूरी करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।वहीं इलाज के दौरान चल बसे मृतक पेशेंट के भाई ने निजी अस्पतालों में हिम केयर और आयुष्मान भारत कार्ड के तहत अस्पताल द्वारा पैसा क्लेम और रोगियों के कार्डों को लेकर उच्च स्तरीय जांच की भी मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा दिए जाने वाली इस सुविधा पर कोई बहुत बड़ा गोरख धंधा भी चला हुआ है जिसकी गहनता से जांच किया जाना भी जरूरी है। सुभाष शर्मा ने कहा कि उनके भाई को 3 तारीख को ही एडमिट किया गया था और उसी दिन उनकी डेथ हो गई थी।उन्होंने कहा कि 24 घंटे का जो हवाला दिया जाता है उसमें यदि पेशेंट की मौत हो जाती है तो मौत उनके बस में नहीं होती वह भगवान के बस में होती है। उन्होंने निशुल्क इलाज के भ्रामक बोर्ड पर आपत्ति जताई साथ ही सरकार की इस योजना पर भी प्रश्न चिन्ह लगाया है। वहीं श्री साई मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के प्रबंधक मोहित ने नियमों से बाहर कोई काम नहीं किया है। उन्होंने कहा कि जिस पेशेंट की बात की जा रही है उसके बारे में पहले भी कई मीडिया कर्मी पूछ चुके हैं।उन्होंने कहा कि उन सभी के लिए एक ही जवाब है कि पेशेंट उनके बाद 24 घंटे तक एडमिट नहीं था। उन्होंने कहा कि पेशेंट की 24 घंटे से पहले ही मौत हो गई थी। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत अथवा हिम केयर कार्ड की सुविधा वाले बोर्ड के साथ नियमों के बारे निरीक्षण टीम के द्वारा उन्हें कोई दिशा निर्देश नहीं दिए गए थे। उन्होंने कहा कि यदि स्वास्थ्य विभाग कोई आदेश जारी करेगा तो निश्चित ही शर्तें भी लिख दी जाएगी।

    Follow on Google News Follow on Facebook
    Share. Facebook Twitter Email WhatsApp


    Demo

    Recent
    • उपायुक्त ने शिलांजी पंचायत के वार्ड सदस्य को अयोग्य करार देते हुए निष्कासित कर रिक्त घोषित किया पद
    • पांवटा साहिब में चोरी के दो आरोपियों को सजा
    • मेघा जागरूकता शिविर आगामी आदेशों तक स्थगित-श्रम कल्याण अधिकारी
    • कर्मचारी से मारपीट पर भाजपा ने मंत्री अनिरुद्ध सिंह को बर्खास्त करने की करी मांग
    • उपायुक्त ने बरसात में अप्रिय घटनाओं से बचाव के लिए जारी किए आवश्यक दिशा निर्देश
    Recent Comments
    • Sandeep Sharma on केन्द्र ने हिमालयी राज्यों को पुनः 90ः10 अनुपात में धन उपलब्ध करवाने की मांग को स्वीकार किया
    • Sajan Aggarwal on ददाहू मैं बिजली आपूर्ति में घोर अन्याय
    © 2025 Himachal Varta. Developed by DasKreative.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.