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    Home»हिमाचल प्रदेश»सिरमौर»आईआईएम को दी लैंड शॉर्ट फाॅल सरकार के लिए बनी आफत
    सिरमौर

    आईआईएम को दी लैंड शॉर्ट फाॅल सरकार के लिए बनी आफत

    By Himachal VartaNovember 30, 2023
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    नाहन ( हिमाचल वार्ता न्यूज)(एसपी जैरथ):– हिमाचल प्रदेश जिला सिरमौर के धौलाकुआं स्थित एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी तथा बागवानी विभाग की जमीन पर एक बार फिर संकट मंडराने लगा पड़ा है। इसकी बड़ी वजह आईआईएम सिरमौर को 7 जनवरी 2020 को दी गई 1010 बीघा जमीन में 31 बीघा जमीन पैमाइश के बाद कम निकली। हालांकि हिमाचल प्रदेश सरकार के द्वारा दी गई जमीन 1010 बीघा ही थी। मगर जब इसकी पैमाइश आईआईएम सिरमौर के द्वारा की गई, तो 31 बीघा जमीन गांव के लोगों के साथ ओवरलैप हो गई। चूंकि आईआईएम को अपनी जमीन ऑन रिकॉर्ड पूरी चाहिए।हालांकि प्रशासन की ओर से आईआईएम को दो-तीन जगह ऑप्शन दी गई है। बावजूद इसके केंद्र से आई इस टीम ने यूनिवर्सिटी और कृषि विज्ञान केंद्र की जमीन की जिद पकड़ी हुई है। ऐसे में यदि कृषि विज्ञान केंद्र से जमीन दी जाती है, तो यह केंद्र सरकार के ही गले की फांस बन सकता है। क्योंकि कृषि विज्ञान केंद्र भी केंद्र का ही उपक्रम है। यही नहीं कृषि विज्ञान केंद्र के लिए 20 एकड़ जमीन का होना भी जरूरी होता है। जबकि कृषि विज्ञान केंद्र के पास केवल 5 एकड़ जमीन ही बची हुई है। लिहाजा बीते 25-26 नवंबर को आईआईएम सिरमौर की टीम धौलाकुआं पहुंची थी। इस दौरान टीम के साथ प्रदेश सरकार की ओर से एसडीएम पांवटा साहिब, तहसीलदार व अन्य रेवेन्यू अधिकारियों सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे। आईआईएम सिरमौर की टीम के द्वारा जिस जमीन को मांगा जा रहा है, वह जमीन एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की है। जिसमें कृषि विज्ञान केंद्र भी शामिल है।ऐसे में कृषि विज्ञान केंद्र की जमीन को किसी भी सूरत में जमीन की पूर्ति करने में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। यहां यह भी बता दें कि धौला कुआं स्थित यूनिवर्सिटी के दो यूनिट है एग्रीकल्चर रिसर्च एंड एक्सटेंशन सेंटर और दूसरा कृषि विज्ञान केंद्र दोनों ही जिला सिरमौर के ग्रामीण क्षेत्र के मध्य नजर किसानों के लिए काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं। हर वर्ष यहां लाखों किसानों को ट्रेनिंग दी जाती है यही नहीं एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी का कैंपस है, जहां पर आने वाले छात्रों को भी यहां पढ़ाया-सिखाया जाता है।

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