श्री रेणुका जी ( हिमाचल वार्ता न्यूज)प्रत्येक वर्ष माघ माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से ज्ञान, विद्या, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती को समर्पित है। इस दिन देवी सरस्वती का जन्म हुआ था। मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती हाथों में पुस्तक, विणा और माला लिए श्वेत कमल पर विराजमान होकर प्रकट हुई थीं, इसलिए इस दिन मां सरस्वती की विषेश पूजा-अर्चना की जाती है।साथ ही बसंत पंचमी से ही बसंत ऋतु की शुरुआत होती है। ज्योतिष क्षेत्र में अंतराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति हासिल कर चुके जवाली के ज्योतिषी पंडित विपन शर्मा ने बताया कि वर्ष 2024 में माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 13 फरवरी को दोपहर 02 बजकर 41 मिनट से हो रही है तथा 14 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 09 मिनट पर इसका समापन होगा। इसके बाद षष्ठी का प्रवेश हो जाएगा। उदया तिथि 14 फरवरी को प्राप्त हो रही है, इसलिए इस साल वसंत पंचमी का पर्व 14 फरवरी को मनाया जाएगा14 फरवरी को वसंत पंचमी वाले दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 01 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। ऐसे में इस दिन पूजा के लिए आपके पास करीब 5 घंटे 35 मिनट तक का समय है। उन्होंने बताया कि इस दिन रेवती, अश्विनी नक्षत्र और शुभ व शुक्ल योग पड़ रहा है।
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Wednesday, January 15