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    Home»हिमाचल प्रदेश»सिरमौर»इटरनल विश्वविद्यालय में दूसरे दिन अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन पर हुआ मंथन
    सिरमौर

    इटरनल विश्वविद्यालय में दूसरे दिन अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन पर हुआ मंथन

    By Himachal VartaMarch 11, 2024
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    नाहन ( हिमाचल वार्ता न्यूज) (एसपी जैरथ):- इटरनल विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन आज विद्वानों ने गंभीर वैश्विक मुद्दों पर विचार विमर्श किया। इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए सम्मेलन में प्रमुख विषयों पर गहराई से चर्चा की गई। सामाजिक बदलाव लाने के उद्देश्य से नई तकनीकों पर जोर दिया गया।प्रो.सौमेन चट्टोपाध्याय जाकिर हुसैन सेंटर फॉर एजुकेशनल स्टडीज, स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज, जेएनयू, नई दिल्ली ने “सार्वजनिक नीति निर्माण और भारतीय कॉरपोरेट्स का विकास स्वतंत्रता के बाद से सरकारी पहलुओं का एक महत्वपूर्ण आत्मनिरीक्षण और आगे का रास्ता” पर वियख्यान दिया।दीपक सानन हिमाचल प्रदेश गवर्नमेंट में सेंटर पॉलिसी से सम्बंधित सेवानिवृत्त अतिरिक्त मुख्य सचिव ने “सार्वजनिक नीति और व्यावसायिक वातावरण की भूमिका नियामक सुविधा प्रदाता के रूप में सरकार”, के विषय पर चर्चा की।स्मार्ट अर्थव्यवस्था बनाम टिकाऊ अर्थव्यवस्था लाभ और स्थिरता के बीच संतुलन” के विषय पर सुश्री पूर्णिमा चौहान (सेवानिवृत्त आईएएस) ने अपने विचार व्यक्त किए। इसके अलावा देश-विदेश की व्यापार समस्याएं एवं समाधान, जलवायु परिवर्तन, सोलर ऊर्जा और वायु ऊर्जा सहित अन्य विषयों पर विचार व्यक्त किए गए।इस अवसर पर 40 से अधिक शोध पत्र ऑनलाइन एवं ऑफलाइन मोड में प्रस्तुत किए गए। जिसमें “भारत के समक्ष स्थिरता और कार्यान्वयन को समायोजित करने और लागू करने की चुनौतियाँ”, “चौथी औद्योगिक क्रांति और कॉर्पोरेट राष्ट्र राज्यों का उदय – भारत के समक्ष निहितार्थ”, एवं “भारत का ग्रामीण और अर्ध शहरी फोकस जैसे विषय शामिल थे।प्रश्नोत्तरी के दौरान विभिन्न श्रोताओं ने अपनी जिज्ञासा का समाधान किया और सम्मानित वक्ताओं और विशेषज्ञों ने विभिन्न विषयों पर प्रकाश डाला। अंतराष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन उपस्थित विद्वानों ने समाजोपयोगी चर्चाओं से लेकर नवीन अनुसंधान और सहयोगात्मक पहलुओं पर विचार विमर्श किया।कार्यक्रम के संयोजक ऐस सी घोष ने सभी प्रायोजकों को धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम के अंत में डॉ. तुषार महाजन ने सभी को धन्यवाद दिया तथा भविष्य में इस तरह के सम्मेलन आयोजित करने पर बल दिया ।

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