नाहन( हिमाचल वार्ता न्यूज) (एसपी जैरथ):- शिमला संसदीय क्षेत्र के चुनाव में नोटा ने भी अपने रिकॉर्ड तोड़े हैं। 9,70,827 संख्या में हुए कुल मतदान में 5,930 मतदाताओं ने दोनों ही प्रमुख पार्टियों के प्रत्याशियों को ना पसंद किया है। इन मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाकर अपने मत का प्रयोग किया है। इनमें से अधिकतर मतदाता ग्रेजुएट तथा पोस्ट ग्रेजुएट है।
नोटा दबाने वाले मतदाता सुनील जायसवाल, गुड्डू उर्फ काकू, रेहान, सुलक्षणा आदि का कहना है कि खरीद-फरोख्त और जीतने वाले जिस तरीके से जन भावनाओं का खिलवाड़ करते हुए बिक जाते हैं वह एक आजाद और प्रजातंत्र देश के लिए सही नहीं है। इनमें से अधिकतर मतदाताओं ने यह भी कहा कि चुने जाने वाले नेता का शैक्षणिक स्तर यानी योग्यता भी निर्धारित की जानी चाहिए।
नाराज मतदाताओं का यह भी कहना है कि ना तो सांसद और ना ही प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी के पिता सांसद रहते हुए कोई बड़ा विकास कार्य नहीं करवा पाए हैं। इन लोगों का यह भी कहना है कि जीतने के बाद यह जनता को भूलकर कुर्सी से चिपक जाते हैं। अच्छी बात तो यह है कि इन सभी मतदाताओं ने अपने-अपने मत का बढ़-चढ़कर प्रयोग करने की भी अपील करी है।
हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि कल 11,849 कर्मचारियों ने भी अपने मत का प्रयोग किया। मगर इनमें से 54 ऐसे कर्मचारी भी थे जिनको दोनों ही प्रत्याशी पसंद नहीं थे। हालांकि प्रत्याशी तो और भी थे मगर उन सबके बारे में इन्होंने यही कहा कि जब देश की दो प्रमुख पार्टियों ही कुछ नहीं कर पाई तो जिनकी गिनती ही नहीं है वह क्या विकास कार्य करवा पाएंगे।