नाहन (हिमाचल वार्ता न्यूज):- खिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की जिला सिरमौर इकाई ने ग्रीष्मकालीन स्कूलों में पड़ने वाली छुट्टियों के शेड्यूल में बदलाव को गलत ठहराया है। महासंघ के जिला अध्यक्ष कपिल मोहन ठाकुर, जिला महामंत्री दीपक त्रिपाठी, संगठन मंत्री श्यामलाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राधेश्याम, कोषाध्यक्ष रोहित ठाकुर, पूर्व ज़िला अध्यक्ष विजय कंवर, पूर्व ज़िला महामंत्री मामराज चौधरी, पूर्व ज़िला उपाध्यक्ष ऋषिपाल शर्मा, चंबेल सिंह, ओंकार शर्मा, रत्न लाल, सह संगठन मंत्री राजेश शर्मा, शिवानी शर्मा आदि पदाधिकारियों ने संयुक्त बयान में कहा कि ग्रीष्मकालीन विद्यालयों में छुट्टियों के शेड्यूल में बदलाव करना तर्कसंगत नहीं है।
इस समय जिला के ग्रीष्मकालीन विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चे अत्याधिक गर्मी और लू से जूझ रहे हैं, जिससे राहत के लिए वे छुट्टियों की आस में बैठे हैं। प्रदेश के छह जिले सिरमौर, सोलन, ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, कांगड़ा, मंडी का अधिकांश क्षेत्र इस समय गर्मी और लू की चपेट में है। बच्चों को विद्यालय पहुंचने और वहां बैठने में गंभीर परेशानी महसूस हो रही है। कुछ स्थानों का पारा 45 डिग्री के आसपास पहुंच गया है।
इसी से राहत के लिए तो ग्रीष्मकालीन विद्यालयों में इन दिनों छुट्टियों का प्रावधान रखा गया है। लिहाजा, ऐसे समय में इन छुट्टियों में बदलाव करना किसी भी स्थिति में तर्कसंगत और न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने कहा कि वैसे भी हिमाचल प्रदेश में 6 जिले जो मुख्यतः बरसात से ज्यादा प्रभावित रहते हैं, वे शीतकालीन छुट्टियों वाले हैं। ज्यादा कठिन भौगोलिक परिस्थितियां उन्हीं क्षेत्रों की हैं। ऊंचे पहाड़ और नदी नाले भी उन्हीं क्षेत्रों को ज्यादा प्रभावित करते हैं।
जबकि वहां इन दिनों विद्यालय खुले रहेंगे। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ छात्र और शिक्षक हित में इन ग्रीष्मकालीन विद्यालयों की छुट्टियों में बदलाव करने का पुरजोर विरोध करता है। जो छुट्टियां पुराने शेड्यूल के अनुसार 22 जून से होती हैं, वह सही हैं और प्रदेश में मॉनसून पहुंचने के संकेत भी मौसम विभाग ने 20 जून से दिए हैं। इन छुट्टियों पर सरकार को गहन मंथन कर सही फैसला लेना चाहिए।