नाहन ( हिमाचल वार्ता न्यूज)(एसपी जैरथ):– चंडीगढ़ वाया काला अंब-पांवटा साहिब-देहरादून एनएच की फोरलेन घोषणा होने के बाद जमीनों के रेट में भी जबरदस्त उछाल आ गया है। औद्योगिक क्षेत्र काला अंब मुख्य बैरियर से तहसील कार्यालय के नजदीक से नागल सुकेती होकर मोगी नंद वंडर प्रोडक्ट के पीछे से प्रस्तावित हुए नए फोरलेन ने भू-माफियाओं की चहल कदमी को भी क्षेत्र में बढ़ा दिया है।
नागल सुकेती मौज ओगली में जिस जमीन का सर्किल रेट सड़क से 100 मी की दूरी पर 40 लाख रुपए तथा 200 मीटर की दूरी से अंदर 20 लाख रुपए प्रति बीघा है। फोरलेन की घोषणा के बाद यह रेट दुगने से भी ऊपर जा पहुंचा है। हालांकि अभी काला अंब से पावंटा साहिब तक हुए टेक्निकल सर्वे के बाद पब्लिक कंसलटेंसी के तीन राउंड पूरे नहीं हुए हैं बावजूद इसके प्रस्तावित नए फोरलेन के साथ जमीनों के मोलभाव होने शुरू हो चुके हैं।
असल में काला अंब से मोगी नंद वंडर प्रोडक्ट तक पूरा रोड मैप फोरलेन की जद से हटा दिया गया है। जिसके चलते पेट्रोल पंप ऑनर्स होटल और ढाबा व्यवसाय से जुड़े कारोबारी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा। तो वहीं बदले गए रोड मैप के प्रारूप के चलते जहां पहले 48 किलोमीटर तक के इस फोरलेन का प्रस्तावित खर्च 2700 करोड़ रुपए आंका गया था उसमें 500 करोड़ रुपए लायन कंसल्टेंसी के द्वारा सरकार का बचाया भी गया है।
कंसल्टेंसी के द्वारा दिए गए फोरलेन के प्रारूप को लगभग अंतिम माना जा रहा है मगर अब केवल पब्लिक कंसल्टेंसी की औपचारिकता मात्र बकाया रह गई है। इस औपचारिकता की पहली मीटिंग काला अंब के पंचायत घर में हो चुकी है तो वहीं दूसरी पब्लिक मीटिंग की डेट भी एनएच के द्वारा पावंटा क्षेत्र के अंतर्गत धौला कुआं में 18 जुलाई को रख दी गई है। यहां बता दें कि इस फोरलेन में देवनी का एरिया भी आ रहा है जहां का सर्किल रेट 5 लाख प्रति बीघा मोगी नंद में 10 लाख रुपए प्रति बीघा तथा ओगली में 20 से 40 लाख रुपए प्रति बीघा सर्किल रेट है।
प्रॉपर्टी डीलर मास्टर फकीरचंद, महेंद्र सिंह, नितिन अग्रवाल आदि का कहना है कि फिलहाल क्षेत्र में जमीनों की खरीद फरोख्त का कार्य काफी ढीला चला हुआ है मगर फोरलेन बनाए जाने के दौरान उम्मीद की किरण नजर आ रही है। क्षेत्र के कुछ किसानों का कहना है कि बारीक क्षेत्र के जमीन खरीदार उनके पास लगातार संपर्क कर रहे हैं।
उधर, अधिशासी अभियंता नेशनल हाईवे जिला सिरमौर मनोज सहगल ने बताया कि टेक्निकल रूट लगभग अंतरिम चरण में है। अब केवल दो पब्लिक कंसलटेंसी मीटिंग का होना बाकी है। इस पूरे प्रकरण में सबसे बड़ी बात यह है कि कंसल्टेंसी के द्वारा एक बेहतर प्रारूप बनाकर दिया है जिसमें सरकार का 500 करोड़ रुपए बचाया भी गया है।
जानकारी तो यह भी है कि पुराने रोड को यदि रखा जाता तो इसमें सबसे बड़ा नुकसान एंक्रोचमेंट वालों को होता जिसको लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण को काफी ज्यादा पब्लिक विरोध भी सहना पड़ता। उधर, जिला रेवेन्यू अधिकारी चेतन चौहान के द्वारा सर्किल रेट की पुष्टि की गई है। उन्होंने कहा कि अलग-अलग क्षेत्र में सड़क से दूरी के अनुसार सर्किल रेट तय किए गए हैं।