नाहन ( हिमाचल वार्ता न्यूज):- प्रदूषण नियंत्रण के मानकों पर घोर अनियमितताओं के चलते कालाअंब में पॉल्यूशन विभाग के द्वारा बड़ी कार्रवाई अमल में लाई गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार त्रिलोकपुर रोड स्थित साईं टैक दवा फैक्ट्री का बिजली का कनेक्शन काट दिया गया है। तो वहीं सुकेती रोड स्थित सिंबायोसिस दवा फैक्ट्री पर 45 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
यहां यह भी बताना जरूरी है कि इन दोनों फैक्ट्रियों का एक ही मालिक है तथा दोनों फैक्ट्रियां कालाअंब में लगी हुई है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जिला सिरमौर के द्वारा सबसे पहले साईं टैक दवा फैक्ट्री के ट्रीटमेंट प्लांट से कुछ सैंपल उठाए गए थे। जांच में पता चला कि इस फैक्ट्री से उठाए गए पानी के तीन सैंपल फेल हो गए हैं।
पॉल्यूशन डिपार्मेंट के द्वारा फैक्ट्री को समय देकर नोटिस भी जारी किया गया। विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार फैक्ट्री प्रबंधन के द्वारा नोटिस का जवाब नहीं दिया गया। जिसके बाद पॉल्यूशन विभाग के द्वारा विद्युत बिजली बोर्ड जिला सिरमौर को बिजली के कनेक्शन काटे जाने के लिए संस्तुती दी गई।
बिजली बोर्ड कालाअंब के द्वारा विभाग से मिली सूचना के आधार पर साईं टैक दवा उद्योग का बिजली का कनेक्शन काट दिया गया। वहीं दूसरी ओर सुकेती रोड पर स्थित सिंबायोसिस दवा फैक्ट्री के ट्रीटमेंट प्लांट से उठाए गए सैंपल और साथ में पवित्र नदी मारकंडे में दिए जा रहे डिस्चार्ज और फेंकी गई एक्सपायरी दवाओं के करीब 6 सैंपल उठाए गए।
लैब से आई रिपोर्ट के बाद इस फैक्ट्री के सभी 6 सैंपल भी फेल हो गए। पॉल्यूशन डिपार्मेंट के द्वारा विभागीय कार्यवाही के तहत पहले नोटिस भी दिया गया था जिसका जवाब नहीं दिया गया। लिहाजा पॉल्यूशन डिपार्मेंट के द्वारा विभागीय कार्रवाई अमल में लाते हुए फैक्ट्री पर 45 लाख रुपए का जुर्माना भी लगा दिया गया है।
यहां यह भी बताना बहुत जरूरी है कि सिंबायोसिस फैक्ट्री के ठीक नीचे की ओर पवित्र मारकंडे नदी बहती है। इस नदी को दुष्ट किए जाने को लेकर पहले ही एनजीटी के द्वारा मामला दर्ज किया जा चुका है। जिसमें एनजीटी और तीन राज्यों जिसमें हिमाचल भी शामिल है इनके प्रदूषण नियंत्रण विभागों के सहयोग के साथ मारकंडे नदी को प्रदूषित करने वाले कारकों की जांच की जा रही है।
इसी कड़ी के तहत जिला सिरमौर प्रदूषण नियंत्रण विभाग के द्वारा जब जांच की गई तो सिंबायोसिस फैक्ट्री जांच के दायरे में आई। हालांकि काला अंब में केंद्र सरकार की वित्तीय सहायता से करोड़ों का ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है। बावजूद इसके उद्योग के पानी के सैंपल फेल हो रहे हैं।
उधर, सिंबायोसिस और साइटेक फैक्ट्री के मालिक जंग वीर सिंह ने बताया कि उन्हें पहले यह बताया गया था कि फैक्ट्री के ट्रीटमेंट प्लांट को चलाने की जरूरत नहीं है क्योंकि सरकार के द्वारा काॅमन ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है जिसमें सभी फैक्ट्रियों से डिस्चार्ज उठाया जाता है। उन्होंने कहा कि हमें यह समझ नहीं आ रहा है कि हम सरकारी आदेशों के अनुसार लगाए गए ट्रीटमेंट प्लांट में डिस्चार्ज दें या फिर अपनी ही फैक्ट्री के ट्रीटमेंट प्लांट के भरोसे पर रहे।
वहीं पॉल्यूशन डिपार्मेंट के अधिशासी अभियंता अतुल परमार ने खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि सिंबायोसिस फैक्ट्री के 6 सैंपल फेल होने पर विभागीय कार्रवाई अमल में लाते हुए 45 लाख रुपए का जुर्माना और दूसरी साईं टैक फैक्ट्री पर भी पॉल्यूशन मानको की अवहेलना को लेकर कार्रवाई अमल में लाते हुए विद्युत विभाग से बिजली का कनेक्शन काटने के लिए कहा गया है। एसडीओ इलेक्ट्रिसिटी विभाग काला अंब वीरेंद्र भारद्वाज ने साईं टैक दवा उद्योग की बिजली कनेक्शन काटे जाने की पुष्टि की है।