नाहन ( हिमाचल वार्ता न्यूज) (एसपी जैरथ):- जिला सिरमौर आउटसोर्स वर्कर्स की सीटू के बैनर तले नाहन में बैठक संपन्न हुई। बैठक में वर्कर्स की लंबित कई मांगों को लेकर मंथन किया गया और नई कार्यकारिणी गठित करने का भी निर्णय लिया गया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए सीटू के जिला महासचिव आशीष कुमार ने बताया कि आउटसोर्स वर्कर्स की लंबित मांगों को लेकर बैठक में चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि पिछले करीब 13-14 वर्षों से प्रदेश में हजारों आउटसोर्स वर्क्स कार्य कर रहे हैं जिसमें से करीब 1800 कर्मचारी जिला सिरमौर के शामिल है। उन्होंने बताया कि अभी तक इन कर्मचारियों के लिए कोई भी स्थाई नीति नहीं बनाई गई।
उन्होंने बताया कि आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है जिसमें सरकार भी संलिप्त है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि इन आउटसोर्स कर्मचारियों को किसी कंपनी के माध्यम से रखने की बजाय सरकार इनको सीधे तौर पर भर्ती करें। जिससे कर्मचारियों के साथ-साथ सरकार को भी आर्थिक लाभ होगा। वहीं आउटसोर्स वर्कर मोहम्मद रिजवान ने कहा कि पिछले लंबे समय से प्रदेश स्तर पर । कर्मचारी स्थाई नीति को लेकर समय-समय पर मांग उठा रहे हैं। इस दौरान अलग-अलग सरकारें सत्ता में आई मगर सभी ने केवल आश्वासन दिए। उन्होंने बताया कि जिला सिरमौर में विभिन्न विभागों में आउटसोर्सिंग कर्मचारी कार्य कर रहे हैं। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि जो कर्मचारी जिस विभाग में कार्य कर रहा है उसको उसी विभाग में शामिल किया जाए।
उनका कहना है कि इन कर्मचारियों ने अपने जीवन का हम समय बतौर आउटसोर्स कर्मचारी कार्य करने में बिता दिया है इन कर्मचारियों के भविष्य को देखते हुए कोई स्थाई नीति बनाई जानी चाहिए ताकि यह कर्मचारी सही तरीके से अपना जीवन यापन कर सकें। यदि सरकार इन कर्मचारियों की मांगों को पूरा नहीं किया तो संघर्ष का रास्ता भी अपनाया जा सकता है। प्रदेश में 40 हजार से ज्यादा और जिला सिरमौर में लगभग 1800 आउटसोर्स वर्कर विभिन्न सरकारी विभागों में 13–14 वर्षो से अपनी सेवाए दे रहे है।
परंतु सत्ता में काबिज कोई भी सरकार आई किंतु आज तक आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए किसी प्रकार की स्थाई नीति नहीं बना पाए जबकि चुनाव के समय कसमें खाकर 6 महीने के अन्दर अन्दर स्थाई नीति बनाने के बड़े बड़े वादे तो किए थे जो सब के सब चुनावी जुमले साबित हुए। आज की महत्वपूर्ण बैठक में 8 विभागो के 22 वर्कर्स इकट्ठा हुए और विस्तार से चर्चा कर एक बात तो समझ आई की अब आउटसोर्स का कर्मचारी हर प्रकार से हर तरीके से शासन और प्रशासन से लड़ने के लिए तैयार है।