नाहन ( हिमाचल वार्ता न्यूज):– शरद कालीन नवरात्रों के अंतिम दिन नवमी के उपलक्ष पर जिला सिरमौर के मां बाला सुंदरी मंदिर सहित तमाम मंदिरों में जयकारों की गूंज थी।वहीं जिला मुख्यालय नाहन के प्रमुख ऐतिहासिक रियासत कालीन शक्तिपीठ मां कालीस्थान मंदिर में श्रद्धा का अपार सैलाब उमडा।
मंदिर में सुबह 4:00 बजे की आरती के बाद लंबी-लंबी कतारे लगनी शुरू हो गई थी। बावजूद इसके भक्तों की भक्ति और श्रद्धा में लेस मात्र भी कमी नजर नहीं आई।
बड़ी बात तो यह है कि मंदिर में भारी भीड़ के बावजूद मां काली स्थान मंदिर प्रबंधन समिति के द्वारा बड़े ही व्यवस्थित रूप से सारे इंतजाम किए गए थे।
प्रबंधन समिति के महासचिव देवेंद्र अग्रवाल ने बताया कि किसी भी श्रद्धालु को किसी भी तरह की परेशानी ना हो इसको लेकर जलपान से लेकर ठहरने, बैठने आदि की व्यवस्था भी समिति द्वारा की गई ।
उन्होंने बताया कि मंदिर में पूरे 9 दिन नियमित रूप से दुर्गा सप्तशती का पाठ और हवन किया गया। उन्होंने बताया कि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को ठहरने के लिए भी व्यवस्था की गई थी।प्र ओल ओल मेंबंधन समिति के उपाध्यक्ष योगेश गुप्ता उर्फ सुख्खृ भाई ने बताया कि वैसे तो पूरे 9 दिन नियमित रूप से लघु भंडारे की व्यवस्था की गई थी मगर मुख्य भंडारा चौदस के दिन किया जाएगा।
बड़ी बात तो यह है कि जहां घरों में आजकल कन्याएं पूजने को उपलब्ध नहीं होती वहीं मंदिर प्रबंधन समिति के द्वारा कन्या पूजन के लिए भी विशेष प्रबंध किया गया था। श्रद्धालुओं ने नंवी पूजन के बाद मंदिर में माथा टेका और कन्या पूजन कर कन्याओं से आशीर्वाद लिया।
हीं श्रद्धालुओं का कहना है कि मंदिर की तमाम व्यवस्थाएं अन्य शक्तिपीठों के लिए प्रेरणादायक है मगर वंगाला जाति के भिखारी की भारी तादाद श्रद्धा परेशानी का सबब बनती है।
काली स्थान मंदिर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष व राज गुरु महंत किशोरी नाथ ने श्रद्धालुओं को नवरात्रों की शुभकामनाओं के साथ चौदस के भंडारे के लिए निमंत्रण भी दिया है।