Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Breakng
    • सिरमौर के सुरेंद्र हिंदुस्तानी को रेलवे विकास निगम में मिली बड़ी जिम्मेदारी
    • बड़े स्तर पर अवैध खनन मारकंडा नदी में हो रहा है : डॉ बिंदल
    • उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक
    • जामना से पकड़ी 55 शीशीयां नशीला सिरप व 16,700 कैश, आरोपी गिरफ्तार
    • एवीएन स्कूल के दो विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा की मेरिट सूची में मिला स्थान
    • मोदी की ताकत का लोहा दुनिया मानती है लेकिन भारत के विपक्षी दलों को तकलीफ़ होती है : प्रताप सिंह रावत
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Himachal Varta
    • होम पेज
    • हिमाचल प्रदेश
      • शिमला
      • सिरमौर
      • ऊना
      • चंबा
      • लाहौल स्पीति
      • बिलासपुर
      • मंडी
      • सोलन
      • कुल्लू
      • हमीरपुर
      • किन्नोर
      • कांगड़ा
    • खेल
    • स्वास्थ्य
    • चण्डीगढ़
    • क्राइम
    • दुर्घटनाएं
    • पंजाब
    • आस्था
    • देश
    • हरियाणा
    • राजनैतिक
    Sunday, May 18
    Himachal Varta
    Home»हिमाचल प्रदेश»सिरमौर»सिरमौर डी.डी.एम.ए. द्वारा आपदा प्रबंधन को किया जा रहा सुदृढ
    सिरमौर

    सिरमौर डी.डी.एम.ए. द्वारा आपदा प्रबंधन को किया जा रहा सुदृढ

    By Himachal VartaJanuary 4, 2025
    Facebook WhatsApp

    नाहन( हिमाचल वार्ता न्यूज) हिमाचल प्रदेश अपनी कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से सदैव संवेदनशील राज्य रहा हैं।  आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत आपदा आने पर आपदाओं के प्रतिकूल प्रभाव के प्रबंधन के लिए हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का गठन 1 जून 2007 को किया गया।
    जिला सिरमौर में आपदा की परिस्थिति में आपदा से निपटने के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डी.डी.एम.ए.) द्वारा क्रियाशील एवं राहत केन्द्रित दृष्टिकोण अपनाया गया है।
    जिला सिरमौर एक पहाडी भू-भाग होने के कारण इस जिला में भूस्खलन,  भारी बारिश, बाढ़ इत्यादि की सम्भावनाएं भी अधिक रहती है। सिरमौर जिला में किसी भी आपदा के परिणामों के जोखिम को कम करने के लिए जिला  आपदा प्राधिकरण को सुदृढ़ किया जा रहा है, आपदा से निपटाने के लिए जिले में अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।
    आपदा की परिस्थितियों से निपटने के लिए जिला प्राधिकरण द्वारा 03 भूस्खलन निगरानी सैंसर और तकनीक, सैटेलाइट फोन इत्यादि का प्रयोग किया जा रहा है। जिला मुख्यालय में स्थापित नियंत्रण  कक्ष में उच्च आवृति के सैट (वीएचएफसैट), डीएच सैट आपातकालीन टॉर्च, टेलीफोन, मोबाइल सेटेलाइट फोन, लाइफ जैकेट तथा आपातकालीन प्रतिक्रिया समर्थन प्रणाली (इआरएसएस) उपलब्ध करवाए गए है। प्राधिकरण में ड्रोन संचालन के लिए एक लाइसेंस प्राप्त ड्रोन संचालक और हैम रेडियो संचालक भी उपलब्ध है। जिला मुख्यालय में स्थापित प्राधिकरण के कंट्रोल रूम 24ग7 कार्यशील है, जिसमें किसी भी प्रकार की आपदा की जानकारी देने के लिए 1077 नंबर पर फोन किया जा सकता है।
    आपदा ग्रस्त क्षेत्र में स्वयंसेवा की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए आपदा युवा स्वयं सेवकों को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। जिला के सभी उप मंडलों में मार्च 2020 से अब तक 700 से अधिक आपदा युवा स्वयं सेवकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
    जिला सिरमौर में वास्तविक जीवन की आपात स्थितियों का अनुकरण कर आपातकालीन योजनाओं और प्रक्रियाओं की प्रभावशीलता के परीक्षण के लिए नियमित रूप से मॉक ड्रिल का आयोजन भी किया जाता है। जिला के पांवटा व कालाअम्ब औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण इन क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की औद्योगिक आपदा के दौरान जान तथा माल की सुरक्षा के लिए, वर्ष में दो बार औद्योगिक मॉक ड्रिल आयोजित किए जाते है। जिला में भूस्खलन व भूकंप की स्थिति से निपटने की तैयारी हेतु साल में दो मॉक ड्रिल जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा तथा दो मॉक ड्रिल राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल द्वारा आयोजित किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त, जिला के सम्बंधित विभागों को भी समय-समय पर प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
    जिला में आपदा की स्थिति से निपटने के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (ैक्त्थ्) मुख्यालय शिमला को सिरमौर का सबसे नजदीकी एसडीआरएफ केंद्र चिन्हित किया गया है। जबकि जिला सिरमौर के लिए आपदा में सहायता प्रदान करने के लिए सबसे निकट राष्ट्रीय  आपदा प्रतिक्रिया बल 14वीं वाहिनी जिला कांगड़ा के तहसील नूरपुर व जिला सोलन के नालागढ़ स्थित क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केन्द्र को चिन्हित किया गया है।
    गत वर्ष मानसून के दौरान हिमाचल प्रदेश को प्राकृतिक आपदा का सामना करना पडा। राज्य में आई आपदा से सिरमौर जिला भी अछूता न रहा और जिला ने बहुत नुकसान झेला। इस आपदा के दौरान जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा क्रियाशील एवं राहत केन्द्रित दृष्टिकोण अपनाते हुए सराहनीय कार्य किया गया। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा वर्ष 2023 की आपदा में त्वरित कार्रवाई, आपदा के लिए किए गए पुर्वाभ्यास व आधुनिक उपकरणों की उपलब्धता के कारण संभव हो पाया।
    भविष्य में भी आपदा की परिस्थिति से निपटने के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा आपदा प्रबंधन को सुदृढ़ करने के निरंतर प्रयास किए जा रहे है।

    Follow on Google News Follow on Facebook
    Share. Facebook Twitter Email WhatsApp


    Demo

    Recent
    • सिरमौर के सुरेंद्र हिंदुस्तानी को रेलवे विकास निगम में मिली बड़ी जिम्मेदारी
    • बड़े स्तर पर अवैध खनन मारकंडा नदी में हो रहा है : डॉ बिंदल
    • उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक
    • जामना से पकड़ी 55 शीशीयां नशीला सिरप व 16,700 कैश, आरोपी गिरफ्तार
    • एवीएन स्कूल के दो विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा की मेरिट सूची में मिला स्थान
    Recent Comments
    • Sandeep Sharma on केन्द्र ने हिमालयी राज्यों को पुनः 90ः10 अनुपात में धन उपलब्ध करवाने की मांग को स्वीकार किया
    • Sajan Aggarwal on ददाहू मैं बिजली आपूर्ति में घोर अन्याय
    © 2025 Himachal Varta. Developed by DasKreative.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.