नाहन ( हिमाचल वार्ता न्यूज)पांवटा साहिब में आरटीआई एक्टिविस्ट संगठन द्वारा चिंता जताई गई है कि मांगी जा रही सूचनाएं अधिकारियों द्वारा नहीं दी जा रही है।दरअसल 2005 में आरटीआई एक्ट लागू किया गया था । जिसमें अधिकारियों द्वारा किए गए विकासात्मक कार्यों की जानकारी आप विभागों से ले सकते थे और जान सकते थे कि आपके क्षेत्र में कहां कितना विकास किया गया है। इसके अलावा सूचना के अधिकार के तहत भ्रष्टाचार को भी उजागर किया जा रहा था। इस बारे में जानकारी देते हुए पांवटा साहिब आरटीआई एक्टिविस्ट संगठन के अध्यक्ष चतर सिंह ने बताया कि संगठन के आरटीआई एक्टिविस्ट सभी कार्यकर्ताओं की समस्या है कि जब भी किसी अधिकारी से आरटीआई मांगते हैं तो या तो वह जानकारी समय गुजरने के बाद भी नहीं दी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं करवाते वहीं दूसरी ओर हमने औद्योगिक इकाइयों को लेकर कुछ आरटीआई मांगी थी जाती या अधिकारी ने जवाब देते हैं कि थर्ड पर्सन को सूचना नहीं दी जा सकती।
वही आपको बता दें कि किसी भी विभाग के कार्यों की और किसी भी ऐसी संस्था की जिसको सरकार से सहायता मिलती हो सूचना के अधिकार के तहत जानकारी कोई भी ले सकता है। लेकिन 2011 में आरटीआई एक्ट को कमजोर करने के लिए एक धारा ऐड की गई जिसमें किसी की भी पर्सनल जानकारी थर्ड पर्सन को नहीं दिए जाने का एक पहलू जोड़ दिया गया इसी को तोड़ मरोड़ कर अधिकारी हर किसी जानकारी में यह धांधली कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले को लेकर आरटीआई कमिश्नर हिमाचल प्रदेश को शिकायत की जाएगी और ऐसे अधिकारियों पर करवाई करने के लिए लिखा जाएगा। इस मौके पर संगठन के फाउंडर मेंबर अरविंद गोयल, टीसी गुप्ता, हरशरण शर्मा, हरविंदर सिंह, विजय गोयल उपस्थित रहे।