नाहन ( हिमाचल वार्ता न्यूज़):- जिला मुख्यालय नाहन स्थित मेडिकल कॉलेज शहर से दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा , ताकि मेडिकल कॉलेज के लिए खुला स्थान मिल सके। यह बात जिला मुख्यालय नाहन में आयोजित जिला स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह की अध्यक्षता करते हुए उद्योग एवं संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कही। हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि वर्ष 2011 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने हिमाचल प्रदेश को तीन मेडिकल कॉलेज दिए थे , जिनमें एक मेडिकल कॉलेज जिला सिरमौर को भी मिला है।
उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय मनमोहन सिंह ने बाकायदा मेडिकल कॉलेज भवन के लिए 180 करोड रुपए भी स्वीकृत किए थे , लेकिन मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल को एक स्थान पर चालू किया गया , जिसके चलते सीमित स्थान होने के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि शीघ्र ही जिला मुख्यालय नाहन से मेडिकल कॉलेज को अन्य स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए जल्दी ही स्थान का चयन कर लिया जाएगा। जिला मुख्यालय नाहन में आयोजित जिला स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह में उद्योग एवं संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने जो गारंटिरयां दी थी।
उन 10 गारंटियों में से 6 गारंटियां पूरी कर ली गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने यह गारंटियां 5 वर्षों के लिए दी है ना की पहली कैबिनेट में इन गारंटियों को पूरा करने का वादा किया था। हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने पिछले दो वर्षों में 32 000 पद स्वीकृत किए हैं इनमें से 13000 युवाओं को 2 वर्षों में सरकारी नौकरियां दी गई है। उद्योग मंत्री ने कहा कि जिला सिरमौर में 58 हजार, 445 पात्र वृद्ध, विधवा और दिव्यांग लाभार्थियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन पर 76 करोड़ 77 लाख रुपये व्यय किए गए तथा वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान जिला में 9 हजार, 642 ने प्रार्थियों के पक्ष में पेंशन स्वीकृत की जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि जिला सिरमौर में कुल 3537 किलोमीटर लंबी सड़कें हैं जिनमें 2315 किलोमीटर पक्की जबकि 1221 किलोमीटर कच्ची सड़कें हैं तथा जिला की सभी 259 ग्राम पंचायतों को सड़क सुविधा उपलब्ध करवा दी गई है। इसके अतिरिक्त जिला में चालू वित्त वर्ष के दौरान अब तक 48 किलोमीटर नई सड़कों का निर्माण, 70 किलोमीटर सड़कांे की मेटलिंग व टाईरिंग का कार्य, 98 किलोमीटर सड़क का अपग्रेडेषन तथा 177 किलोमीटर क्राॅस ड्रेनेज कार्य किया गया।