शिमला। मुख्य सचिव डाॅ. श्रीकान्त बाल्दी की अध्यक्षता में आज यहां राज्य प्रतिपूरक वनीकरण कोष प्रबन्धन एवं योजना प्राधिकरण के साथ कैम्पा निधि के हस्तांतरण तथा इसके तहत किए जाने वाली गतिविधियों पर बैठक आयोजित की गई। उल्लेखनीय है कि क्षतिपूरक वनीकरण कोष प्रबन्धन और योजना प्राधिकरण अधिनियम (कैम्पा) के अन्तर्गत प्रदेश को 1660.72 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं।
डाॅ. श्रीकांत बाल्दी ने कहा प्रदेश में कैम्पा के तहत प्राप्त राशि को मलबे के निष्पादन (मक डंपिंग), पौध रोपण तथा छोटे जलाश्य व तालाब इत्यादि पर व्यय करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि वन तथा पर्यावरण संरक्षण के लिए इन तीनों पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2019-20 के लिए राज्य बजट के तहत 156 करोड़ रुपये की वार्षिक कार्ययोजना राष्ट्रीय प्रतिपूरक वनीकरण कोष प्रबन्धन एवं योजना प्राधिकरण को भेजी गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निर्माण कार्यों से उत्पन्न मलबे के निष्पादन (मक डंपिंग) पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। मक मैनेजमेंट प्लान वन स्वीकृति के लिए आवश्यक है तथा सभी निर्माण कार्यों में इसको शामिल किया जाना चाहिए।
बैठक के दौरान अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन एवं कैम्पा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी केहर सिंह ठाकुर ने कैम्पा की पृष्ठभूमि, प्रतिपूरक वनीकरण कोष अधिनियम, 2016 तथा प्रतिपूरक वनीकरण कोष नियम, 2018 के महत्वपूर्ण पहलुओं और नई व्यवस्था के तहत अभी तक हुई प्रगति के बारे प्रस्तुति दी। इस अवसर पर ईको-टाॅस्क फोर्स को किए जाने वाले भुगतान पर भी चर्चा की गई।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव (वन) राम सुभग सिंह, सचिव वित्त अक्षय सूद, प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन अजय कुमार तथा वन विभाग और राज्य प्रतिपूरक वनीकरण कोष प्रबन्धन एवं योजना प्राधिकरण के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
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Friday, May 3