4 साल में हुए हैं धोखे के 5000 से अधिक मामले
नई दिल्ली (हिमाचल वार्ता) :- विदेशों में रह रहे भारतीय अब शादी कर धोखा नहीं दे पाएंगे । ऐसे धोखा देने वाले प्रवासी भारतीयों के खिलाफ कार्रवाई के लिए नए प्रावधान किए जा रहे हैं। एन आर आई के द्वारा शादी में धोखा देने वालों के लिए एक नया कानून बनेगा और मौजूदा समय जो दो कानून है उनमें संशोधन भी किए जाएंगे। जिसके बाद शादी में जालसाजी का शिकार होने वाली युवतियों को संरक्षण भी मिलेगा। यह पहला ऐसा कानून होगा जो भारतीय नागरिकता वाले सभी धर्म के एनआरआई पर लागू होगा।
बरहाल यह नया कानून समान नागरिक संहिता की दिशा में पहला कदम माना जा सकता है। गौरतलब हो कि यह विधेयक पिछले साल 11 फरवरी को लोकसभा में पेश हुआ था जिसको संसद की स्थाई समिति के पास भेजा गया था। 4 अक्टूबर को इसे फिर से स्थाई समिति के पास भेजा गया। समिति की सिफारिशों के आधार पर नया विधेयक तैयार हुआ है। समिति ने इस कानून के दायरे में जम्मू-कश्मीर को भी लाने की सिफारिश की है।
इसमें प्रावधान के तहत एनआरआई को विवाह की तारीख से 30 दिन के अंदर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। ऐसा ना करने पर पासपोर्ट विजय आदि दस्तावेज रोके जा सकेंगे या फिर उन्हें जप्त भी किया जा सकेगा। माननीय न्यायालय विदेश मंत्रालय की वेबसाइट के माध्यम से वारंट भी जारी करेंगे तथा ऐसे धोखेबाज एन आर आई की चल अचल संपत्ति जब्त कर उन्हें भगोड़ा घोषित करार दिया जाएगा।
अब आपको यह भी बता दें कि एन आर आई के क्या धोखे होते हैं। मैं भारत में आकर शादी करते हैं और पत्नी को भारत में ही छोड़ देते हैं। शादी दर्ज नहीं करा मोटा पैसा या दहेज खाकर लापता हो जाते हैं। शादी के बाद पता चलता है कि पति पहले से ही शादीशुदा है ऐसा भी होता है। पति विदेश में चला जाता है तथा पत्नी ससुराल में रह जाती है।
विदेश में पत्नी का वीजा रिन्यू नहीं करवाते फिर उसकी वापसी हो जाती है। पत्नी भारत लौटना चाहती है तो बच्चों को साथ आने नहीं दिया जाता जिसके बाद पत्नी कानूनी स्तर पर कमजोर हो जाती है और उसे भारत लौटना पड़ता है। जिसके बाद महिला के जीवन में सिर्फ और सिर्फ अंधेरा रहता है।
अब बता दें कि पंजाब में इस प्रकार के 763 यूपी में 501 महाराष्ट्र में 468 राजस्थान में 371 दिल्ली में 436 कर्नाटका में 341 हरियाणा में 228 तमिलनाडु में 321 तथा मध्य प्रदेश में 249 मामले दर्ज हुए हैं।
गौरतलब हो कि एनआरआई फाइटर के नाम से व्हाट्सएप एक ग्रुप भी तैयार किया गया है। इसके सदस्य एनआरआई लागू कर द्वारा धोखेबाजी का शिकार होने वाली युवतियों को सलाह और कानूनी सहायता उपलब्ध कराते हैं। एक महिला सदस्य ने इसमें यह भी कहा कि नया कानून स्वागत योग्य है लेकिन इस कानून में एन आर आई के माता-पिता को भी साजिश का हिस्सा माना जाना चाहिए।
बरहाल यह कानून उन एन आर आई जो अक्सर धोखेबाजी की मंशा से भोली भाली युवतियों यानी उनके परिवार वालों को ठग लेते हैं ऐसे में ऐसे परिवार वालों को भी सलाह है कि वह संबंध जोड़ने से पहले तमाम पहलुओं को भी गुणवत्ता की कसौटी पर परख ले।